सोनम वांगचुक की मांगों के समर्थन में फ्रेंड्स ऑफ लद्दाख, झारखंड चैप्टर का एक दिवसीय उपवास
विशेष संवाददाता
रांची। सोनम वांगचुक, शिक्षक और पर्यावरण कार्यकर्ता, जो “लद्दाख को राज्य का दर्जा” और “छठी अनुसूची के कार्यान्वयन” की प्रमुख मांग के लिए 6 मार्च 2024 से 21 दिनों की भूख हड़ताल पर हैं,
लद्दाख में हो रहे 21 दिवसीय अनशन के समर्थन में नेहा सिन्हा के नेतृत्व में मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका में रविवार को 10 बजे से 2 बजे के बीच उपवास पर बैठे।
इनमें कुमार वरुण, सीबी चौधरी, सुदामा महतो, श्रीनिवास, डॉ क्रुणा झा, बिपिन लाहिड़ी सहित अन्य शामिल थे।
सोनम वांगचुक और लद्दाख के लोगों के समर्थन में, लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलवाने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को पूरा करवाने के लिए सभी एकजुट हुए।
गौरतलब है कि सोनम वांगचुक ने देश वासियों से अपील की थी कि 24 मार्च को एक दिन का उपवास के लिए लद्दाख के लोगों का समर्थन करें, इसी अपील का सम्मान करते हुए फ्रेंड्स ऑफ लद्दाख, झारखंड चैप्टर की नेहा सिन्हा ने एक दिवस का उपवास किया।
जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019, जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करता है: जम्मू- कश्मीर और लद्दाख। तब से लद्दाख का शासन राज्य द्वारा नियुक्त राज्यपाल द्वारा किया जा रहा है।
2019 में सरकार ने वादा किया था कि यूटी को 6 वीं अनुसूची दी जाएगी, एक संवैधानिक प्रावधान जो आदिवासी आबादी की रक्षा करता है और उन्हें स्वायत्त संगठन स्थापित करने की अनुमति देता है जो उस जगह के कानून बनाते हैं। लेकिन 3 साल बाद भी जब उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो
लोगों ने विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व “फ्रेंड्स ऑफ लद्दाख” संगठन द्वारा किया जा रहा है।