उर्दू यूनिट खत्म हुआ तो होगा राज्यव्यापी आंदोलन : अमीन अहमद
राँची, दिनांक,14/12/23,
झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के केंद्रीय महासचिव अमीन अहमद ने कहा है कि राज्य सरकार एक साजिश के तहत झारखंड से सभी उर्दू यूनिट को खत्म करना चाहती है। इसकी जिम्मेदारी स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने उठा रखा है। इसलिए तरह-तरह के हथकंडे अपना कर उर्दू के सभी यूनिट को ही खत्म करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि सन 2000 में जब बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य बना तो बिहार से झारखंड को 4401 यूनिट उर्दू की मिली, लेकिन दुर्भाग्य से अब तक सभी 4401 यूनिट को कभी भी पुरी तरह भरा नहीं गया। 2014-15 में 689 यूनिट पर उर्दू शिक्षक बहाल किये गये, लेकिन इस नियुक्ति में भी साजिश रची गई और गैर योजना मद में मिले यूनिट को योजना मद में बदल कर नियुक्ति की गई। झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ ने इसके खिलाफ काफी लंबी लड़ाई लड़ी और अंतत: 2023 में योजना मद से बदल कर गैर योजना मद में स्थांतरित करवाया गया।
अमीन अहमद ने आगे कहा कि 1994 में लालू प्रसाद यादव की सरकार ने सबसे अधिक ऊर्दू शिक्षकों की बहाली की थी। उसके बाद से झारखंड के प्रारंभिक विद्यालयों को कोई बहाली नहीं की गई। जबकि इसके विपरित बिहार में लगातार बहाली हो रही है।
प्राथमिक, माध्यमिक एवं प्लस 2 विद्यालयों में अब तक उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति नहीं किया गया है। जो शिक्षक पूर्व से नियुक्त थे, उन्हें उर्दू स्कूलों से हटा कर गैर उर्दू भाषी स्कूलों में पदस्थापित कर दिया गया है साथ ही 2015 में नियुक्त माध्यमिक शिक्षकों को ऐसे विद्यालयों में पदस्थापित कर दिया गया है जहाँ उर्दू पढ़ने वाले बच्चों की संख्या नगण्य है जबकि उर्दू पढ़ने वाले बच्चों के संख्या वाले विद्यालयों में उर्दू शिक्षकों को पदस्थापित नहीं किया गया है। अमीन अहमद ने आगे कहा कि झारखंड में अजब हालत है, बार-बार स्मारित कराने के बाद भी उर्दू के खिलाफ साजिश रची जा रही है। सच को सुनने वाला और उसका हल निकालने वाला भी कोई नहीं है। सरकार खामोश है और अधिकारी बेलगाम होकर उर्दू के खिलाफ साजिश रच रहे हैं।
केंद्रीय प्रवक्ता शहज़ाद अनवर ने संघ के द्वारा लिए गये निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि अगर उर्दू यूनिट खत्म करने की जरा भी कोशिश की गई तो राज्यव्यापी और व्यापक आंदोलन होगा। जिसका बुरा नतीजा आने वाले लोकसभा व विधान चुनाव में भी सामने आयेगा।