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मस्जिद जाफरिया में सैयद अमीर हुसैन रिजवी की चेहल्लुम पर मजलिस ए जिक्र इमाम हुसैन का आयोजन

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मोहब्बत में वो ताकत है जिससे दुश्मन भी कमज़ोर हो जाता है: जैदी

रांची: मस्जिद जाफरिया रांची में आज 3 दिसंबर 2023 को प्रख्यात सीनियर पत्रकार व मर्सिया निगार, शायर सैयद अमीर हुसैन रिजवी के चेहल्लुम के मौके पर एक मजलिस जिक्र इमामे हुसैन का आयोजन किया गया। मजलिस का आगाज तिलावत कुरान ए पाक से हुआ। इस मौके पर नज़्म ताजीयत हिंदुस्तान के मशहूर शायर मौलाना जहीन हैदर दिलकश गाजीपुर ने पढ़ा। सोज ख्वानी सैयद अता इमाम रिजवी ने किया। कलाम पेश करने वालों में कासिम अली, आमोद अब्बास, बाकर राजा, सैयद निहाल हुसैन सरियावी ने किया। कार्यक्रम का संचालन ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड झारखंड के अध्यक्ष व मस्जिद जाफरिया रांची के इमाम खतीब हजरत मौलाना सैयद तहजीबुल हसन रिजवी ने की।

इस मजलिस को दिल्ली से आए हुए मेहमान खतीब हजरत मौलाना सैयद इमाम हैदर जैदी ने संबोधित करते हुए कहा के इस्लाम मजहब लोगों को अमन व शांति का पैगाम देता है। एक दूसरे का एहतराम(इज्जत) करो ताकि तुम्हारा भी एहतराम किया जाए। मोहब्बत में वह ताकत है जिससे दुश्मन भी कमजोर हो जाता है। मजलूमों के साथी बानो, जुल्म करने वालो से नफरत करो, जुल्म सिर्फ नफरत के मोहब्बत नहीं फैलाता। नफरत को बढ़ावा बदगुमानी से होता है। आज जमाने को और जिम्मेदारान को चाहिए कि वह किरदार ए मोला अली को अपने जिंदगी के लिए नमूना बनाएं। नफरत दूर हो जाएगी और मोहब्बत आम हो जाएगी।

इससे पूर्व शनिवार रात्रि को एक मजलिस सैयद अमीर हुसैन रिजवी की पत्नी की बरसी मजलिस को मौलाना सैयद तस्लीम रजा नकवी ने संबोधित करते हुए कहा के माता-पिता के लिए औलाद जिंदगी में क्या करें और मरने के बाद क्या करें। इस सिलसिले में कुरान मस्जिद की सूरह मरियम, सूरह इब्राहिम और सूरह नूह के जरिए पैगाम देते हुए कहा के जिंदगी में हम सिर्फ बेटा बनकर दिखाएं और मरने के बाद कुछ नहीं कर सकते तो कम से कम मगफिरत की दुआ करें।

मजलिस को संबोधित करते हुए हज़रत मौलाना सैयद तहजीबुल हसन रिजवी ने कहा की यह मजलिस सैयद अमीर हुसैन रिजवी की चेहल्लुम की मजलिस है। वो एस एच रिजवी जिसे झारखंड रांची कभी भुला नहीं सकती। जिनको कौम व मिल्लत की फिक्र थी। वो एक शख्स नहीं शख्सियत थे। जिन्होंने उर्दू की लड़ाई इतनी खामुशी से लड़ी।

वहीं बनारस के मौलाना जहीन हैदर ने पढ़ा की, शब्बीर ने सर देकर दुनिया को बताया, हम ने कभी कुफ्र की बैय्यत नहीं करते। सैयद अशरफ हुसैन रिजवी ने पढ़ा की दो दिन की जिंदगी भी बड़ा काम कर गई, सो नक्श पा बना गए और खुद गुजर गए। वहीं सैयद जसीम रिजवी ने बताया कि चेहल्लुम के पूर्व लोक सेवा समिति द्वारा सैयद अमीर हुसैन रिजवी को मरणोपरांत झारखंड रत्न अवार्ड दिल्ली में दिया।

इस मौके पर सैयद जसीम रिजवी, सैयद नदीम रिजवी, शहजाद रिजवी, जीशान रिजवी, इकबाल हुसैन, डॉक्टर सैयद जावेद काजमी, अशरफ हुसैन रिजवी, एस एच फातमी, डॉक्टर मुबारक अब्बा, सैयद जावेद हैदर, इकबाल फातमी, मेहंदी इमाम, सैयद समर अली, सैयद फराज अब्बास, एस एम खुर्शीद, एस एम आसिफ, एस एम जावेद, सैयद अयान अहमद, सैयद रयान रिजवी, समेत अन्य गण मान्य लोग उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन सैयद नदीम रिज़वी ने की।

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