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मुफ्ती अब्दुल्लाह अज़हर कासमी के पिता शमशुद्दीन अंसारी चामा कब्रिस्तान में सुपुर्द ए ख़ाक

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रांची: मुस्लिम मजलिस उलेमा झारखंड के अध्यक्ष सह पथलकुदवा मस्जिद के खतीब हजरत मौलाना मुफ्ती अब्दुल्लाह अज़हर कासमी के पिता शमशुद्दीन अंसारी(80) का निधन हो गया। (इन्ना लीलाहे व इन्ना इलैहे राजीओंन)।

 मिट्टी मंज़िल आज दिनांक 13 जुलाई 2023 बाद नमाज़ मगरिब चामा जामा मस्जिद में जनाजा की नमाज अदा की गई और चामा कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया। ज्ञात हो की मुफ्ती साहब के पिता शमशुद्दीन अंसारी पिछले 30 वर्षों से जामा मस्जिद चामा में मोज़्जिन( अज़ान देने का कार्य) कर रहे थे। आज फजर की अज़ान दी नमाज़ पढ़कर घर वापस हुए। अपने पुत्र मुफ्ती साहब के साथ नाश्ता खाएं। बीपी लो होने के कारण घर वालों ने मांडर होली डे होम हॉस्पिटल में भर्ती कराया जहां उन्होंने कलमा पढ़ते हुए आखरी सांस ली। रांची, चतरा, बालूमाथ, चंदवा, लातेहार, जमशेदपुर समेत कई जगह के लोगों ने जनाजा की नमाज़ में शिरकत की। वो अपने पीछे 7 पुत्र,1 पुत्री, नाती, पोता समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए। जनाजा में शामिल होने वालो में जमीयत उलेमा झारखंड के कोषाध्यक्ष शाह उमैर, पत्रकार आदिल रशीद, मरहबा ह्यूमन सोसाइटी के सैयद नेहाल अहमद, सेंट्रल मुहर्रम कमिटी के अकीलूर रहमान, पत्रकार राशिद इमरान, मो रमजान, मो यूसुफ, मंजूर, फजलुर रहमान, हफीजुर रहमान, मुफ्ती अब्दुल्लाह, मौलाना उमर, उम्मे कुलसुम, छ पोती आलिमा, दो पोता हाफिज कुरान, सात बेटा में दो आलिम दीन, एस हुसैन, हाफिज तजम्मुल हुसैन, मौलाना तनवीर, मौलाना तजम्मुल, हाफिज अजीज, मौलाना तय्यब, हाजी हनीफ, हाजी लतीफ, हाजी इब्राहिम, अब्दुल मजीद, कारी आबिद, मुमताज, सिसई मदरसा के नाजिम, समेत आसपास के सैंकड़ों लोगों ने शिरकत की। 

फोन पर ताज़ियत
 करने वालो में शहर काजी मुफ्ती क़मर आलम कासमी, इमारत शरिया के काजी ए शरीयत मुफ्ती अनवर कासमी, शैखुल हदीस मुफ्ती नज़रे तौहीद, मुफ्ती अहमद बिन नज़र, कारी जान मोहम्मद, मौलाना सैयद तहजीबुल हसन रिजवी, मुफ्ती दाउद, एजाज गद्दी, मौलाना असगर मिस्बाही, कारी अस्जद, कारी असद, हाजी इबरार, हाजी हलीम, अब्दुल मन्नान, डॉक्टर असलम परवेज, मौलाना डॉक्टर ओबैदुल्लाह कासमी, मौलाना डॉक्टर तलहा नदवी, मौलाना डॉक्टर सलमान कासमी, मुफ्ती तलहा नदवी, मौलाना इलियास मजाहिरी, मौलाना नसीम अनवर नदवी, मौलाना जियाउल होदा, मौलाना साबिर, मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी, मौलाना अब्दुल वाजद  चतुर्वेदी, खुर्शीद हसन रुमी, समेत कई लोग हैं।

30 वर्षों से जामा मस्जिद में दे रहे थे सेवा

मुफ्ती अब्दुल्लाह अज़हर कासमी ने बताया कि 30 वर्षों से पिता जी मस्जिद में खिदमत कर रहे थे। मोअज्जिन अज़ान देने का कार्य करते थे। आज भी उन्होंने सुबह फजर की अज़ान दी, नमाज पढ़ी। बहुत नेक और खुशमिजाज थे। सभी के दुख सुख में शामिल होते।

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