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वक्फ बोर्ड से अंजुमन इस्लामिया रांची को टेकओवर करने की मांग

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वर्तमान कमेटी तीन वर्षों से नियमों को ताक पर रख कर रही काम

अंजुमन बचाओ मोर्चा ने कहा कि जल्द चुनाव नहीं, तो सड़क पर होगा आंदोलन

रांची: अंजुमन बचाओ मोर्चा की अगुवाई में विभिन्न पंचायतों और संगठनों का प्रतिनिधिमंडल अंजुमन इस्लामिया रांची का चुनाव समय पर कराने की मांग को लेकर झारखंड राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष व मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने वक्फ बोर्ड के सदस्य मोहम्मद फैजी और एके रशीदी को भी अपनी मांगों से अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हुए कहा कि अंजुमन इस्लामिया रांची के वर्तमान कमेटी अंजुमन के बायलॉज और वक्फ बोर्ड के नियमों की धज्जियां उड़ा रही है। इस कमेटी ने तीन वर्षों में आमसभा की एक भी बैठक आयोजित नहीं किया और ना ही आय-व्यय संबधी कोई रिपोर्ट पेश किया। प्रतिनिधिमंडल ने वक्फ बोर्ड से मामले में दखल देते हुए अंजुमन इस्लामिया को टेकओवर करते हुए समय पर साफ सुथरा चुनाव करने की मांग की। इसके अलावा अंजुमन इस्लामिया में ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ते हुए उन्हें मतदान का अधिकार प्रदान करने की बात रखी।
सात सू़त्री ज्ञापन में कहा गया कि जल्द से जल्द एक चुनाव संयोजक की मनोनयन हो और चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाय।

मालूम हो कि अंजुमन इस्लामिया रांची के मौजूदा कार्यसमिति का कार्यकाल 29 अगस्त 2025 को पूरा हो रहा है। लेकिन अंजुमन इस्लामिया रांची के बायलॉज के मुताबिक अबतक वर्तमान कार्यसमिति ने इलेक्शन कंनवेनर का चयन नहीं किया है। इससे मालूम होता है की मौजूदा कार्यसमिति समय पर अंजुमन इस्लामिया रांची का चुनाव कराने की मंशा नहीं रखती है। चूंकि अंजुमन इस्लामिया रांची का कार्यक्षेत्र अथवा दायरा काफी बड़ा है और वोटर लिस्ट तैयार करने और मतदान संपन्न कराने में लम्बा समय लगता है। ऐसे में अबतक इलेक्शन कंनवेनर का इंतेखाब नहीं करना अंजुमन इस्लामिया के बायलॉज का उल्लंघनध्खिलाफवर्जी करने जैसा है। मालूम हो कि वर्तमान कमेटी निरंतर अंजुमन इस्लामिया के बॉयलाज का उल्लंघन कर रही है, मौजूदा टीम ने लगभग तीन वर्षों में एक बार भी मजलिस-ए-मुंतजिमा की बैठक नहीं बुलायी है। जबकि बॉयलाज के अनुसार धारा-9 के तहत नियमतः हर तीन माह में एक बार मजलिस-ए-मुंतजिमा की बैठक बुलानी अनिवार्य है और अतिमहत्वपूर्ण विषयों में अंजुमन के मतदाता सभा को सभी चीजों से अवगत कराना होता है।


गौरतलब है की वर्तमान कमेटी का कार्यकाल लगभग समाप्त होने को है, इसके बवाजूद इस कमेटी ने कभी आमसभा का आयोजन नहीं किया और ना ही आय-व्यय की रिपोर्ट प्रस्तुत किया जो, सीधा-सीधा वक्फ एक्ट और अंजुमन इस्लामिया रांची के बॉयलाज की धारा-26 ;ठद्ध की अवहेलना है।
. अंजुमन इस्लामिया रांची का कार्यक्षेत्र अथवा दायरा को वक्फ बोर्ड के माध्यम से बायलॉज के मुताबिक बढ़ाया जाय। मालूम हो कि समय के साथ पिछले 35-40 वर्षों में रांची के शहरी और ग्रामीण इलाकों में भौगोलिक बदलाव के साथ आबादी में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है। इसलिए वक्त के साथ देही इलाकों को भी दायरा में जोड़ा जाए। गौरतलब है की रांची और डोरंडा म्युनिसिपल क्षेत्र का दायरा बढ़कर कुल 53 वार्ड हो गये हैैं। अंजुमन इस्लामिया रांची के बायलॉज के तहत भी रांची के धुर्वा, हटिया, कांके, बरियातु और नयासराय और इसके आसपास के इलाकांे के गांवों को अंजुमन के दायरा में लाने का साफ प्रावधान है। इसी के मददेनजर चुनाव से पूर्व रांची जिला के देही इलाकों को भी नुमाइंदगी प्रदान करते हुए उन्हें वाटिंग का अधिकार दिया जाए। चूंकि अंजुमन इस्लामिया रांची के कायम करने का मकसद ही वंचित और पासमांदा को मुख्यधारा से जोड़ना है।


प्रतिनिधिमंडल में मोर्चा के संयोजक रमजान कुरैशी, मास्टर सिद्दीक अंसारी, मो शकील, अब्दुल हसीब, मोख्तार अहमद, मो फिरोज, मोहम्मद अली, शमीम खान और मेराज अहमद शामिल थे।

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