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मुस्लिम समाज की औरतों को चाहिए कि महिला मंडल और सुदी कारोबार से दूर रहें: मुफ्ती अनवर
रांची: राजधानी रांची के मशहूर व मकबूल मदरसा मदरसा अनवारूल उलूम कासमिया नूर नगर निजाम नगर हिंदपीढ़ी रांची का चौथा जलसा ए दस्तारबंदी का आयोजन किया गया। जिसमे 21 हुफ्फाज ए कराम को पगड़ी बांध कर हाफिज की उपाधि दी गई। मदरसा के प्रिंसिपल हाफिज साद अहमद रशीदी और सीनियर शिक्षक हजरत मौलाना शौकत नुमानी और इनकी पूरी टीम ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया। जलसे की अध्यक्षता कर रहे इमारत शरिया रांची के क़ाज़ी ए शरीयत हजरत मौलाना मुफ्ती मोहम्मद अनवर कासमी ने अपने संबोधन में कहा कि मुस्लिम समाज की औरतों को चाहिए कि महिला मंडल और सुदी कारोबार से दूर रहें। आज हम सबको चाहिए कि अपने घरों में अपने बच्चियों पर ध्यान रखें। उन्हें सहाबियात के वाकिया को बताया जाए, पढ़ाया जाय।
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आज हमारे मुस्लिम समाज में महिला मंडल और इस जैसे सुदी कारोबार घरों में प्रवेश कर गया है इसे निकालने की जरूरत है। इस सुदी कारोबार से मुस्लिम समाज बर्बाद होती जा रही है। नशा से अपने बच्चो और बच्चियों को दूर रखें। नशा हर बुराई का जड़ है। कार्यक्रम की शुरुआत कारी कुरान कारी सुहेब अहमद के तिलावत कुरान से हुआ। नात पाक कारी जमशेद जोहर ने पढ़ी। संचालन मुफ्ती अबू दाऊद ने किया। जलसे में बतौर मुख्य अतिथि हजरत मौलाना मुफ्ती अशरफ अब्बास शिक्षक अदब दारुल उलूम देवबंद ने अपने संबोधन में कहा कि लड़का लड़की जवान हो जाए तो शादी करने में देर नहीं करनी चाहिए। मुसलमानों को यह फिक्र करनी है की हम हलाल रिज्क अपने बच्चो खिलाए।
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वहीं मुफ्ती वशी अहमद क़ाज़ी इमारत ए शरिया पटना ने कहा की हाफिज बन जाना आसान है लेकिन हाफिज बनकर इस दुनिया से जाना मुश्किल है। इंसानी समाज में ऑक्सीजन का होना जरूरी है उसी तरह इस्लामी समाज के लिए उलेमा और हुफ्फाज का होना जरूरी है। वहीं हजरत मौलाना डॉक्टर तल्हा नदवी खतीब मक्का मस्जिद ने अपने संबोधन में कहा कि जो कौम जो समाज कुरान पाक की इज्जत करती है अल्लाह पाक उस कौम उस समाज को बुलंदी पर पहुंचा देता है। हमने कुरान पाक को किस हैसियत से अल्लाह का किताब माना है। यह गौर करने की जरूरत है। वहीं हजरत मौलाना जावेद अख्तर नदवी इमाम बड़ी मस्जिद ने कहा कि अल्लाह पाक ने कुरान पाक की हिफाजत की जिम्मेदारी ली है।यह किताब आबे हयात है। वहीं कारी शोएब अजमती ने कहा कि आज हमने अपने बुजुर्गो की चटाई पर जाना छोड़ दिया है जिससे हमारी नुकसान हुआ। बुजुर्गो की चटाई पर जाने का बहुत फायदा है। हाफिज साद और मौलाना शौकत ने बताया के मदरसा अनवारूल उलूम कासमिया का यह चौथा जलसा ए दस्तारबंदी है। जिसमें 21 हुफ्फाज कराम को हाफिज की डिग्री दी गई। उनके सारों पर उलेमा के हाथो दस्तार फजीलत बांधी गई।
जलसे की सरपरस्ती हाजी शौकत ने की। जो भी मेहमान बाहर से आए थे उनको हाफिज साद, मौलाना शौकत नुमानी, मौलाना अब्दुल माजिद, कारी अब्दुल हफीज, मौलाना अजीमुद्दीन, मौलाना नकीब, हाफिज शमश तबरेज, हाफिज नईम, हाफिज जुबैर ने आए हुए सभी लोगो का स्वागत किया। मौलाना एस नुमानी, मौलाना अब्दुल माजिद ने स्वर्गीय हाफिज नजीर अहमद रशीदी के कार्यों को याद किया। कहा की उन्ही का लगाया हुआ पौधा है जो आज फल दे रहा है। हाफिज मजहर ने स्वागत उपदेश पढ़ें। मौके पर सैंकड़ों लोग उपस्थित थे।