जिक्र शोहदा ए कर्बला का आयोजन बरियातू में


इमाम हुसैन की कुर्बानी को समझने की जरूरत: आफताब
रांची 17 जुलाई 2024 हजरत इमाम हुसैन और उनके परिवार और दीगर शहीदों की याद में पांच दिवसीय जिक्र शोहदा ए कर्बला का आयोजन मस्जिदे आला हजरत अशरफी सत्तार कालोनी बरियातु रांची झारखंड में किया गया। मिल्लते इस्लामिया बरियातु के लोग अजमते सहाबा और इमाम हुसैन की जिक्रे शोहदा ए करबला कांफ्रेंस में शामिल हुए। जिक्रे शोहदा ए करबला कांफ्रेंस में कई शहरों से आए उल्लेमा ए किराम ने अपनी अपनी तकरीरों में अजमते सहाबा, फज़िलते अहले बैत, अज़मते ईमाम हुसैन, मदीना से कर्बला का सफर, दास्ताने कर्बला, माबादे कर्बला और पैगामें कर्बला बयां किया। कर्बला के शहीदों की याद ताजा हो गई।

कमीटी के अध्यक्ष मो. शाहनवाज़ अहमद ने बताया की पहली बार हुए इस कांफ्रेंस में हज़रत मौलाना डा. ताजुद्दीन (एदारा ए शरिया, रांची), मौलाना सज्जाद हुसैन (रामगढ़), मुफ्ती शादाब मरकज़ी (कर्नाटक), मुफ्ती शाहिद रज़ा मरकज़ी (खतीब व ईमाम मस्जिदे आला हज़रत अशरफी) और पीरे तरिकत हज़रत मौलाना अहकरुल कादरी (मुजफ्फरपूर) हाफिज अब्दुल मोबिन (डोरंडा), हाफिज मुस्लिम रज़ा (उलातू) और बुलबुले झारखंड अमजद रज़ा (उलातू), नाएब ईमाम हाफिज सलमान रज़ा, हाफिज लुकमान रज़वी (मोहतमिम-मदरसा मदीनतुल उलूम, उलातू) और हाफिज मुजीब वगैरह शामिल हुए। आए हुए अतिथियों का स्वागत मस्जिद आला हजरत के सचिव मो आफताब आलम ने किया। आफताब आलम ने बताया कि बुधवार 17 जुलाई (10 मुहर्रम) आशुरा के दिन ज़ोहर के बाद कुरानख्वानी, असर के बाद फातिहा, मिलाद, सलातो सलाम और अंत में खतीब व ईमाम मुफ्ती शाहिद रज़ा मरकज़ी ने उम्मते मुस्लिमा में भाईचारगी / एत्तिहाद और भारत के अमन व सूकून लिए लिए दुआ की। मस्जिदे आलाहज़रत अशरफी के सिक्रेट्री मो, आफताब आलम ने बताया के शाम के वक्त इफतार, लंगर, शीरनी और सबील का भी इन्तज़ाम किया गया जिसमें मस्जिदे आला हज़रत अशरफी के मुसल्लियान, मकतबे ख्वाजा गरीब नवाज़ के छात्र और फैज़ाने गौसुलवरा कमीटी के तमाम ओहदेदारान और मेम्बरान के साथ मदरसा मदीनतुल उलूम, उलातू के मेहमाने रसूल और कसीर तादाद में लोग शामिल रहे। सचिव आफताब आलम ने कहा की मुहर्रम महीना की अहमियत किया है कर्बला के वाकिया किया है, इमाम हुसैन की कुर्बानी किया है यह लोगो को बताने की जरूरत है।
