Ranchi Jharkhand News

जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा के सर्वेक्षण में उर्दू को भी शामिल किया जाए-मो० इकबाल

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रांची- झारखण्ड सरकार स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (प्राथमिक शिक्षा निदेशालय) के निदेशक के द्वारा जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा के संवर्द्धकरण हेतु चिन्हित विद्यालयों में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग करने वाले छात्र-छात्रा की संख्या ज्ञात करने हेतु सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया है। जारी निर्देश के अनुसार जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा को प्रोत्साहन प्रदान करने के क्रम में राज्य सरकार द्वारा राज्य के सभी 24 जिले के प्राथमिक विद्यालयों, प्राथमिक कक्षा वाले विद्यालयों में छात्र-छात्रा द्वारा सर्वाधिक जनजातीय क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग किये जाने वाले विद्यालयों को चिन्हित करने की कार्रवाई की जानी है। लेकिन सर्वेक्षण के लिए जो प्रपत्र जारी किया गया है उसमें उर्दू भाषा के उल्लेख नहीं है। जिस से उर्दू भाषियों में सख्त नाराजगी है।
उक्त मामले को लेकर दिनांक 31 मई 2024 को अंजुमन फरोग ए उर्दू झारखंड के एक प्रतिनिधि मंडल ने निदेशक प्राथमिक शिक्षा निदेशालय से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि झारखंड सरकार के द्वारा उर्दू को भी क्षेत्रीय भाषा के अंतर्गत रखा गया है। झारखंड सरकार स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अपर सचिव माध्यमिक शिक्षा के पत्रांक 2418 दिनांक 12.9.2022 में उर्दू को जनजाति एवं क्षेत्रीय भाषा में शामिल किया गया है। सर्वेक्षण में उर्दू भाषा को शामिल नहीं करना उर्दू भाषियों के साथ नाइन्साफी है। अंजुमन फरोग ए उर्दू झारखंड मांग करती है कि उर्दू को भी जनजातिय एवं क्षेत्रीय भाषा के अंतर्गत रखते हुए सभी 24 जिलों के उपायुक्त एवं जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र निर्गत कर उर्दू भाषा के संवर्धन एवं विकास हेतु सर्वेक्षण कराने का निर्देश जारी किया जाए। मौके पर अंजुमन फरोग ए उर्दू के अध्यक्ष मोहम्मद इकबाल, कोषाध्यक्ष मोहम्मद दानिश अयाज इत्यादि उपस्थित थे।

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