एक निकाह सादगी भरा, उद्देश्य निकाह को आसान बनाना


हज़रत मौलाना मोहम्मद के पुत्र मौलाना सलमान का मदनी मस्जिद में निकाह
रांची: रांची आज के फैशन के दौर में जहां हर कोई फैशन के पीछे भागता नजर आ रहा है। शादी के लिए लड़के की अलग डिमांड होती है और लड़की की अलग। फैशन समाज को बर्बाद कर रही है। लेकिन हम सभी जानते हैं कि यह दुनिया अच्छे और नेक लोगों की वजह से चल रही है। कहा जाता है कि शादियां ऊपर तय हो जाती है। लेकिन बहुत कम लोग ही सुन्नत तरीके से शादी करते हैं।

कहने और करने में बहुत अंतर है। आज हम बात कर रहे के झारखंड के प्रसिद्ध मदरसा मदरसा हुसैनिया कडरू रांची के प्रिंसिपल हजरत मौलाना मोहम्मद के पुत्र मौलाना सलमान मोहम्मद की। जिन्होंने अपनी शादी सुन्नत के अनुसार की। मौलाना की शादी मदनी मस्जिद मदरसा हुसैनिया कडरू में हज़रत मौलाना मोहम्मद ने मौलाना सलमान मोहम्मद का निकाह पढ़ाया। मौलाना सलमान मोहम्मद की शादी जनाब ताजुद्दीन की बेटी तसनीम फातिमा से हुई। वलीमा करना सुचत है।

इसी सुन्नत पर अमल करते हुए डोरंडा दावत पैलेस में वलीमा रखी गई। हज़रत मौलाना मोहम्मद ने निकाह खुत्बा से पूर्व संबोधित करते हुए कहा कि बेटी घर की शान होती है। बेटा-बेटी में फर्क न करें। बेटी को तालीम से लैस करो, यही हमारे नबी की सुन्नत है। सादगी भरी निकाह को आम करना है। दहेज़ लेना देना दोनों बुरी बात है।

इस निकाह में कई गणमान्य लोग शामिल हुए और दुआओं से नवाजा। निकाह में शहर के शीक्षिनक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, पत्रकारिता, मदरसा के शिक्षकगण एवं छात्र, छात्राओं के अभिभावक और अन्य संगठनों से जुड़ी प्रमुख गणमान्य लोगों ने भाग लिया। जिनका स्वागत मौलाना मोहम्मद, कारी असजद, मौलाना अदनान और उनके खानदान वालों ने किया।

