सी.पी. सिंह का यह बयान बेहद गैरजिम्मेदाराना और समाज को बांटने वाला है
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और रांची से सात बार के विधायक सी.पी. सिंह ने हाल ही में एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार जनता को परेशान कर राजस्व जुटा रही है। उनका कहना है कि मामूली गलती पर भी ऑनलाइन ट्रैफिक चालान धड़ाधड़ काटे जा रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चालान केवल हिंदू बहुल इलाकों में काटे जा रहे हैं, जैसे कचहरी चौक, किशोरगंज चौक, और रातू रोड चौक, जबकि मुस्लिम बहुल इलाकों, जैसे रतन टॉकीज, कांटाटोली, और कर्बला चौक में चालान नहीं काटे जा रहे हैं ऐसा उन्हों ने शक किया है।
सी.पी. सिंह का यह बयान बेहद गैरजिम्मेदाराना और समाज को बांटने वाला हो सकता है? सी.पी. सिंह जी, आप झारखंड विधानसभा के स्पीकर और शहरी विकास मंत्री रह चुके हैं। आप जैसे वरिष्ठ नेता से उम्मीद की जाती है कि आप तथ्यों की पड़ताल करके ही बयान देंगे। आपकी राजनीतिक अनुभव और उम्र को देखते हुए, उम्मीद थी कि आप जनता के व्यापक हित में बोलेंगे। लेकिन इस तरह के बयान देकर आप न केवल अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं, बल्कि समाज में नफरत फैलाने का एक जरिया कहा जा सकता हैं?
आपको यह समझना चाहिए कि ऑनलाइन चालान एक स्वचालित प्रणाली के तहत काम करता है। यह प्रणाली हिंदू या मुस्लिम इलाकों को देखकर चालान नहीं काटती, बल्कि नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई करती है। रतन टॉकीज, कांटाटोली, कर्बला चौक जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में भी चालान नियमित रूप से काटे जा रहे हैं। कई लोगों के 10 से 15 चालान तक हो चुके हैं। यह कहना कि मुस्लिम इलाकों में चालान नहीं काटे जा रहे, सच्चाई से कोसों दूर है।
आपका यह बयान न केवल भ्रामक है, बल्कि समाज में सांप्रदायिक भेदभाव को बढ़ावा भी दे सकता है? रांची जैसे शांतिप्रिय शहर के लिए यह बयान घातक है।
सी.पी. सिंह जी, आपको चाहिए कि आप जनता की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान दें।
- ऑनलाइन चालान की समीक्षा कर चालान की प्रक्रिया को सरल और न्यायसंगत बनाने के लिए आवाज उठाएं।
- जुर्माने की राशि कम कराएं, 1000-1500 रुपये के जुर्माने से गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों पर बोझ बढ़ रहा है।
- चालान की माफी के तहत पुराने चालानों की बकाया राशि माफ कराने के लिए पहल करें।
- ट्रैफिक नियम को लेकर जागरूकता अभियान चलाएं यातायात नियमों के प्रति लोगों को शिक्षित करें ताकि चालान की घटनाएं कम हो सकें।
हिंदू-मुस्लिम राजनीति बंद करें। आप जैसे वरिष्ठ नेता जो अब बीजेपी के मार्गदर्शन मंडल का सदस्य जल्द होने जा रहे हैं से यह उम्मीद नहीं थी कि आप समाज में विभाजन की राजनीति करेंगे। आपके पद और अनुभव की गरिमा इस बात की मांग करती है कि आप जनता की वास्तविक समस्याओं को सुलझाने में अपनी ऊर्जा लगाएं, न कि सांप्रदायिक आधार पर लोगों को भड़काने में।
हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में आप इस तरह की गैर-जिम्मेदार बयानबाजी से बचेंगे और समाज को जोड़ने का काम करेंगे, न कि बांटने का।