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मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की कुर्बानियां अविस्मरणीय, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने शिक्षा विभाग को लिखा पत्र, कहा

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11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने की दिशा में आदेश जारी किया जाए

रांची: देश के महान स्वतंत्रता सेनानी और भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की 137वीं जयंती के अवसर पर 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने के आदेश जारी करने के लिए राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान ने शिक्षा विभाग को पत्र भेजा है।
अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने पत्र में कहा है कि देश के सभी राज्यों में 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है, लेकिन झारखंड में पिछले दो वर्षों से शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और निजी शैक्षणिक संस्थानों में इस दिवस को मनाने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
जबकि भारत सरकार द्वारा यह अधिसूचना जारी है कि सभी राज्यों में 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाए। उन्होंने कहा कि 11 नवंबर 2025 को सभी शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने का आदेश जारी किया जाए और महान स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की जाए।

उन्होंने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की कुर्बानियां अविस्मरणीय हैं। यह ज्ञात हो कि नजरबंदी के दौरान मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का झारखंड की राजधानी रांची से भी गहरा संबंध रहा है। उन्होंने यहां के शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति को देखते हुए शिक्षा का एक ऐसा दीप जलाया था, जो आज भी उजाला बिखेर रहा है।

इसलिए सरकार को चाहिए कि उनकी कुर्बानियों को याद करते हुए उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने का आदेश तुरंत जारी करे।

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