रांची में शांति पूर्ण माहौल में संपन्न हुआ चेहल्लुम का जुलूस रांची: चेहल्लुम के मौके पर हजरत इमाम हुसैन की याद में मरहूम सैयद अनवर हुसैन के परिवार की ओर से मजलिस चेहल्लुम का आयोजन किया गया। जिसमें स्थानीय लोगों के साथ बाहर के मेहमानों ने भाग लिया। मजलिस को...
मजलूम बनकर रहने से नाम हमेशा बाकी रहता है: मुफ्ती आबिद हुसैन रांची। 19 जुलाई 2024 को बाद नमाज ए ईशा कांटा टोली कुरैशी मुहल्ला स्थित जामा मस्जिद के पास शान ए हुसैन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया । इस आयोजन की अध्यक्षता जामा मस्जिद कुरैशी मुहल्ला कांटा टोली के...
कर्बला इंसानियत की दरसागह(स्कूल) का नाम है: तहजीबुल हसन रांची: अलम आया है लेकिन अलबदार नहीं है। या मौला या अब्बास। हुसैन जिंदा है दस्तूर जिंदगी की तरह, शाहिद मरता नहीं आम आदमी की तरह। जिससे रौशन थी मेरी बिनाई, मेरी आंखों का वो सितारा गया। दीन खुदा को आले...
अंधेरा और उजाला एक साथ नहीं रह सकती: रिजवी रांची: इमामे हुसैन जिसने कर्बला में अपने नाना के दीन(मजहब इस्लाम) को बचाने के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। वो हुसैन जिसने अपनी जान देकर नमाज को बचाया। वो हुसैन जिसने अपनी जान देकर दीन ए इस्लाम को बचाया।...
ओरमांझी-इमाम हुसैन (रअ) दरअसल इंसानियत के तरफदार और इंसाफ के पैरोकार थे। मोहर्रम माह की दसवीं तारीख जिसे यौमे आशुरा कहा जाता है,इमाम हुसैन (रअ) की शहादत के याद में मनाया जाता है। यह समझ लेना जरूरी होगा कि इमाम हुसैन कौन थे और उन्हें क्यों शहीद किया गया। इस्लाम...