Jharkhand News

मत्स्य पालन विभाग के सचिव डॉ.अभिलक्ष लिखी ने गेतलसूद डैम का किया दौरा

Share the post

केज किसानों/मत्स्य कृषकों के साथ की बातचीत

विशेष संवाददाता
रांची। भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग के सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी ने केज फार्मिंग की प्रगति की समीक्षा करने के लिए झारखंड के रांची स्थित गेतलसूद बांध का दौरा किया। यह समीक्षा झारखंड मत्स्य पालन विभाग के सहयोग से की गई।
रांची स्थित गेतलसूद जलाशय पंगेशियस और तिलापिया मछली प्रजातियों के संवर्धन के लिए केज फार्मिंग का केंद्र है। आसपास के सोलह गांवों के केज फार्मिंग करने वाले मछली किसान मत्स्य पालन सहकारी समितियों के सदस्य हैं। वे जीआई पाइप या मॉड्यूलर केजेज का उपयोग करते हैं। उनका औसत उत्पादन प्रति केज 3-4 टन है और जलाशय केज फार्मिंग से कुल लाभ प्रति वर्ष 4 लाख रुपये से अधिक है।


केज मछली संवर्धन का काम, 2012-13 में शुरू किया गया था, जिसमें नीली क्रांति, आरकेवीवाई और पीएमएमएसवाई के तहत स्थापित 365 केजिज के साथ महत्वपूर्ण सफलता देखी गई है । इन केजिज में तिलापिया, पंगासियस की फार्मिंग की गई और मछली की आबादी बढ़ाने के लिए जलाशय में सालाना 25 लाख फिंगरलिंग्स का भंडारण करने का महत्वपूर्ण काम पूरा किया गया। बाजार संपर्क पहले से ही मौजूद है, क्योंकि स्थानीय रूप से उत्पादित मछली पास के बाजार में बेची जाती है। मछुआरों ने इसे औसतन 120 रूपए प्रति किलोग्राम की कीमत पर बेचा, जो इस क्षेत्र के आर्थिक कल्याण में योगदान दे रहा है।

डॉ. अभिलक्ष लिखी ने अपने दौरे के दौरान केज मछली किसानों से उनके मुद्दों और चुनौतियों को समझने के लिए बातचीत की। उन्होंने भारत के विशाल जलाशय संसाधनों की अपार क्षमता पर प्रकाश डाला, जिसका अनुमानित क्षेत्रफल 32 लाख हेक्टेयर है, जिसका वर्तमान में मछली उत्पादन के लिए जितना उपयोग होना चाहिए, उतना उपयोग नहीं हो पा रहा है।

नीली क्रांति संबंधी सीएसएस के तहत, मत्स्य पालन एकीकृत विकास और प्रबंधन योजना 2015-16 से 2019-20 के दौरान मत्स्य पालन विभाग द्वारा शुरू की गई और इसमें कुल 14,022 केजिज को मंजूरी दी गई थी और इस परियोजना में 420 करोड़ रुपये की लागत आई थी। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत 44,908 केजिज को स्वीकृति दी गई है, जिसकी कुल परियोजना लागत 1292.53 करोड़ रुपये है। मत्स्य पालन विभाग के सचिव ने गेतलसूद बांध रांची, झारखंड में केज निर्माण स्थल का भी दौरा किया और उद्यमियों के साथ बातचीत की।

Leave a Response