फादर्स डे पर “पापा-माई हीरो-ऐन ऑटो मैन” पुस्तक का विमोचन


*पुस्तक सबसे अच्छा मित्र व मार्गदर्शक : डॉ.संजय कुमार
रांची। फादर्स डे के अवसर पर मोहम्मद मुजम्मिल हुसैन लिखित पुस्तक “पापा-माई हीरो-एन ऑटो मैन” पुस्तक का विमोचन रविवार को रांची प्रेस क्लब में किया गया। यह पुस्तक केवल एक साथ बंधे हुए पृष्ठ नहीं हैं, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति की आत्मा को झकझोर देने वाली यात्रा है, जिसने सादगी को मुकुट की तरह पहना और अपने संघर्षों को योद्धा की तरह झेला। पिता, मोहम्मद हुसैन, जो पेशे से ऑटो चालक हैं, बेटे के सपनों के निर्माता बन गए, उन्होंने कठिनाइयों और मौन बलिदानों के खंडहरों से अपने बच्चों के लिए जीवन का निर्माण किया।

उन्होंने गरीबी, विश्वासघात और टूटी हुई उम्मीदों से संघर्ष किया, फिर भी गरिमा और अडिग संकल्प के साथ खड़े रहे। उनकी विरासत केवल वह नहीं है जो उन्होंने भौतिक रूप से दिया, बल्कि वे मूल्य, शक्ति और अखंडता हैं जो उन्होंने बेटे के दिलों में उकेरी हैं।उन्होंने भले ही ताज नहीं पहना हो लेकिन विरासत के साथ एक राजा की तरह जीवन बिताया। यह संस्मरण उनके बेमिसाल साहस और असीम प्रेम की मिसाल है। मुजम्मिल हुसैन ने कहा कि यह न केवल मेरे पिता का बल्कि उन सभी पिता का उत्सव है जो किसी की नज़र में नहीं आते, फिर भी असली गुमनाम नायक हैं। इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध न्यूरो सर्जन डॉ.संजय कुमार ने कहा कि यह किताब समाज के लोगों के लिए मील का पत्थर साबित होगा, लोगों में यह किताब प्रेरणा देगा।

इस मौके पर किताब के लेखक मोहम्मद मुजम्मिल हुसैन,पिता मोहम्मद हुसैन,मां शीरी नाज और मम्मी नसीमा बानो, पत्नी हनीफा शाहीन,अर्शी, सोनू, भाई जि़याउद्दीन, मुसतफा, अफान, दानिश, आकिब,फरहीन, अमरीन, मामा रिज़वान, बेटी मिस्बाह आयशा सिद्दीका नादिरा,नायरा और आमिल, मुस्कान, सायमा, अशमीर, फैज़ान समेत कई लोग मौजूद थे।
*यह किताब अमेजन, गूगल बुक्स, फिलिपकार्ट, प्ले सटोर, कराउन पबलिशिंग के वेबसाईट पर उपलब्ध है।
