वक्फ संशोधन एक्ट का विरोध, मुसलमानों में उबाल….. हिन्दीपीढ़ी में गरजे उलेमा-ए-दीन


रांची : वक्फ संशोधन एक्ट 2025 भाजपा सरकार जिस तरह से पारित कराई हैं, उसकी मुस्लिम विरोधी मंशा साफ दिखती है। वक्फ संशोधन एक्ट भारतीय मुसलमानों के लिए काला कानून है। संविधान में प्रदत मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। उक्त बातें वक़्फ़ संशोधन कानून के विरोध में आयोजित सभा में वक्ताओं ने कही!

हिन्दपीढ़ी महापंचायत के बैनर तले मिल्ली सामुदायिक भवन हिन्दपीढ़ी में आयोजित सभा की अध्यक्षता मौलाना असगर मिसबाही ने की, और संचालन मुफ़्ती तलहा नदवी ने किया! वक्ताओं ने कहा कि वक़्फ़ संशोधन कानून मुस्लिमों की ज़मीन छीनने के लिए लाया गया!
वक्फ संशोधन एक्ट 2025 को रद्द कराने हेतु जो क़ुरबानी देनी होगी मुस्लिम समाज देने को तैयार है! सभा में झारखण्ड विधानसभा से इस कानून के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करने की मांग उठी।

लोगों ने कहा कि यह लम्बी और लड़ाई है जिसे मुस्लिम समाज केंद्र सरकार से लोकतान्त्रिक तरीके से लड़ेगी और जीतेगी! लोगों ने इस लड़ाई में हिन्दू समाज को भी आगे आने की अपील की! इसके अलावा इस कानून के विरोध में 30 अप्रैल को रात 9 बजे से साढ़े नौ बजे तक अपने दुकान-मकान और ऑफिस की बत्तीयां विरोध स्वरुप बुझाने की अपील की गई!

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता मुफ़्ती अनवर कासमी, मौलाना सैय्यद तहजीबूल हसन, मेराज गद्दी, शादाब खान, फिरोज जिलानी, नदीम खान, एजाज़ गद्दी, तनवीर आलम, असफर खान, साजिद उमर, सज्जाद इदरीसी, एस अली सहित सैकड़ों लोग शामिल थे!
