झारखंड लोक भवन के बोर्ड पर उर्दू भाषा को पुनः शामिल करने की मांग, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाफ़िज़ुल हसन अंसारी को ज्ञापन सौंपा



रांची, 7 दिसंबर, 2025 – झारखंड मुस्लिम युवा मंच (J.M.Y.M) ने झारखंड लोक भवन के मुख्य द्वार पर लगे नामपट्ट (Name Board) से उर्दू भाषा को हटाए जाने के मामले को लेकर आज झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जनाब हाफ़िज़ुल हसन अंसारी साहब को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में इस बात पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है कि झारखंड सरकार के एक हालिया अधिसूचना (दिनांक 03/12/2025) के बाद, राजभवन झारखंड का नाम बदलकर लोक भवन झारखंड कर दिया गया है। गौरतलब है कि यह नाम परिवर्तन केंद्रीय गृह मंत्रालय भारत सरकार के पत्र संख्या
7/10 /2025(par)M&G दिनांक 25 नवंबर के निर्देश पर किया गया है।
इस बदलाव के तहत, लोक भवन के मुख्य द्वार पर स्थापित नामपट्ट से उर्दू भाषा को हटा दिया गया है, जबकि उर्दू झारखंड की दूसरी राजभाषा है और पहले यह नामपट्ट हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू, तीनों भाषाओं में लिखा होता था।
झारखंड मुस्लिम युवा मंच के केंद्रीय अध्यक्ष मोहम्मद शाहिद अय्यूबी ने ज्ञापन के माध्यम से माननीय मंत्री महोदय से अनुरोध किया कि राज्य की दूसरी राजभाषा उर्दू को उसका उचित सम्मान दिलाने के लिए वे तत्काल हस्तक्षेप करें और सुनिश्चित करें कि झारखंड लोक भवन के मुख्य द्वार पर लगे नामपट्ट पर हिंदी और अंग्रेजी के साथ उर्दू भाषा को भी पुनः शामिल किया जाए।
संगठन का मानना है कि उर्दू भाषा को हटाना, राज्य की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के प्रति एक नकारात्मक कदम है। उन्होंने मंत्री महोदय से आग्रह किया कि इस मामले को जल्द से जल्द राज्यपाल महोदय और संबंधित उच्च अधिकारियों के समक्ष उठाया जाए ताकि यह त्रुटि अविलंब सुधारी जा सके








