झारखंड में मत्स्य पालन के क्षेत्र में योजनाओं के सफल कार्यान्वयन की सराहना की
झारखंड में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की समीक्षा, केज कल्चर से मत्स्य पालन करने वाले मत्स्य कृषकों का किया उत्साहवर्धन
रांची। सचिव, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा रांची के गेतलसूद डैम में स्थापित केजों तथा आरएफएफ मत्स्यपालन की समीक्षा की गई तथा मात्स्यिकी संबंधी गतिविधियों का स्थल भ्रमण किया गया।
गौरतलब है कि आजादी के अमृत वर्ष में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना वर्ष 2024-25 में पूरे देश के लिए भारत सरकार के द्वारा छः हजार करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।
इस राशि से मछुआरों, मत्स्यपालकों, मत्स्य विक्रेताओं लघु तथा समांत मत्स्य उद्यमी को प्रोत्साहित करने के लिए एवं मछली की मूल्य श्रृंखला, दक्षता में सुधार लाने तथा बाजार का विस्तार करने हेतु कार्य किया जा सकेगा।
डाॅ. अभिलक्ष लिखी, सचिव ने डैम में स्थापित केज मत्स्य पालकों के साथ वार्ता की तथा उनके कार्यों की सराहना की। रांची के गेतलसूद जलाशय में 365 केजों में मत्स्य पालन का कार्य किया जा रहा है। जिससे 16 गांवों के किसान सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं।
बताया गया कि गेतलसूद डेम में तीन मत्स्यजीवी सहयोग समितियों कार्य कर रही हैं। जिसमें करीब 300-400 लोग सीधे जुड़े हुए हैं। वर्ष 2012-13 में नीली कांति, आरकेभीवाई योजना के तहत पहली बार केज कल्चर की शुरूआत की गई थी। वर्तमान में पीएमएसवाई योजना के तहत और भी केज लगाए जा रहे हैं। मत्स्य उत्पादन बढ़ाने के लिए जलाशय में प्रति वर्ष मत्स्य अंगुलिकाओं का भी संचयन किया जा रहा है, साथ ही प्रत्येक केजों में 3-4 हजार मत्स्य बीजों का संचयन किया जाता हैं। केजों में पंगेशियस, तिलापिया, अमुर कार्प, कवई आदि प्रजाति की मछली का पालन किया जा रहा है। जिसमें प्रति केज 3-4 टन मत्स्य उत्पादन किया जाता है। गेतलसूद जलाशय का क्षेत्रफल लगभग 1400 हेक्टेयर है। यात्रा भ्रमण के दौरान सचिव द्वारा केजों में मछली पालन की जानकारी प्राप्त की गई तथा किसानों के मुद्दे एवं चुनौतियों को समझा गया। सचिव ने बताया कि पीएमएसवाई योजना के तहत पूरे देश में 420 करोड़ रुपए से 44,098 यूनिट केजो को मंजूरी प्रदान की गई है। इस अवसर पर गेतलसूद डैम के किसान कलेश नायक, राजू बैठा, जितेन्द्र मुंडा सहित करीब 40-50 केज पालक उपस्थित थे। इनके साथ अबुबक्कर सिद्दीख पी., सचिव, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, डाॅ.एचएन द्विवेदी, निदेशक मत्स्य, मनोज कुमार, संयुक्त मत्स्य निदेशक, शंभु प्रसाद यादव, उप मत्स्य निदेशक संजय गुप्ता, उप मत्स्य निदेशक अमरेन्द्र कुमार, उप मत्स्य निदेशक अरूप चौधरी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, रॉची, प्रदीप कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी, रामगढ़ तथा हजारीबाग भी उपस्थित थे। मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार के गुणामया पात्रा, सहायक आयुक्त, भी साथ में थे।