खानकाहों और एदार ए शरीया को एमारते शरीया ने धोखा दिया, वक्फ बचाव कॉंफ्रेंस मुसलमानों को ठगने का माध्यम


पटना:
केंद्रीय एदार ए शरीया पटना के सदर मुफ्ती हसन रजा नूरी, सदर काजी मुफ्ती डॉ अमजद रजा अमजद ,मोहतमिम मौलाना सैयद अहमद रजा और मीडिया प्रभारी मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने संयुक्त रूप से कहा है कि दुनिया सच का साथ देती है और उसका साथ देना भी चाहिए, लेकिन सच की आड़ में जनता को धोखा देना और छल करना गंभीर अपराध है। अगर यह अपराध इस्लाम की आड़ में किया जाए तो अपराध की गंभीरता बढ़ जाती है और दुनिया इसे कभी माफ नहीं कर सकती। एमारते शरीया ने वक्फ बचाने के नाम पर जो कुछ कर रही है वह अपनी माला दिखाकर इसे नष्ट करने के समान है। जनता इस बात से सावधान है।
उक्त रहनुमाओं ने कहा कि केंद्रीय एदार ए शरीया उस समय से ही जागरूकता आंदोलन के माध्यम से जनसभाएं कर लोगों को जागृत कर रहा है, जब वक्फ बिल एक मुद्दा था। वह डीएम, मुख्यमंत्रियों, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखता रहा है और वक्फ कानून बनने के बाद एदार ए शरीया इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहा है, हर जगह विरोध प्रदर्शन भी किया जा रहा है, और अब
बिहार के विश्लेषकों ने अपने-अपने केन्द्रों से यह कहना शुरू कर दिया है कि गांधी मैदान में 29 जून को इमारते शरीया द्वारा आयोजित “वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ” सम्मेलन वही सम्मेलन है जिस ने भीड़ का दिखावा करके एमएलसी सीट हथिया ली थी, ठीक वैसे ही जैसे 2018 में इमारते शरिया ने “दस्तुर बचाओ, देश बचाओ” सम्मेलन करके एमएलसी सीट हथिया ली थी। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यह इमारते शरीया वालों का कोई नया काम नहीं है, बल्कि शाहबानो मामले में जब एदार ए शरिया और अन्य संगठन शरियत को बचाने की कोशिश कर रहे थे, तब इमारते शरिया वालों ने मोल-तोल करके अपने एक आदमी को एमएलसी बनवाया था। अब इन लोगों ने “वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ” का नारा दिया है और इसके पीछे भी एमएलसी का खेल है।


इमारते शरीया ने बिहार-झारखणड की खानकाहों और और एदार ए शरीया को धोखा दिया कि बिना विचार विमर्श व सहमती के इमारते शरीया ने विग्यापण छपवाया और चंदा की उगाही की जा रही है, इमारते शरीया द्वारा “वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ” के संदर्भ में समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन में वित्तीय सहायता की अपील करने वालों में एदार ए शरीया और कुछ खानकाहों के नाम भी शामिल किया है जो सरासर गलत है! यह ध्यान देने योग्य बात है कि इस संबंध में एदार ए शरीया से कोई संपर्क नहीं किया गया है। यह जनता और संस्था के साथ पूर्णतः धोखा है। एदार ए शरीया ने इस संबंध में खानकाहों के जिम्मेदार व्यक्तियों से भी संपर्क किया, लेकिन सभी ने इस संबंध में अपनी अनभिज्ञता जाहिर की।
सेंट्रल एदार ए शरीया के रहनुमाओं ने कहा कि 2018 में “दीन बचाओ देश बचाओ” सम्मेलन से दो दिन पहले एदारा को पता चला कि इसमें डील होने वाली है, इसलिए एदारा ने इसमें भाग नहीं लिया। और 29 जून 2025 को होने वाले “वक्फ बचाओ दस्तूर बचाओ” सम्मेलन में डील होने की खबर मिलने के बाद एदारा ने इसमें शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है लेकिन एदार ए शरीया वक्फ को लेकर अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेगाइसलिए लोग इस धोखे और धोखाधड़ी से दूर रहें और अल्लाह से दुआ करें कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारे पक्ष में आए! एदार ए शरीया वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ तब तक लड़ता रहेगा जब तक केंद्र सरकार द्वारा यह काला कानून वापस नहीं ले लिया जाता है!
