पत्रकार नहीं बदले, हालात बदल गए हैं : सुबोधकांत सहाय


रांची। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि पत्रकार हित में झारखंड, बिहार सहित अन्य राज्यों में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाना वर्तमान समय की मांग है। श्री सहाय मंगलवार को डोरंडा स्थित पलाश सभागार में इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों की रक्षा के लिए पत्रकारों की एकजुटता जरूरी है।

श्री सहाय ने कहा कि पत्रकार अपने अधिकारों के लिए संघर्षरत हैं, लेकिन समन्वय और एकजुटता के अभाव के कारण पत्रकार हितों का संरक्षण नहीं हो पा रहा है। इसके लिए उन्होंने सभी संगठनों को एक मंच बनाकर सामूहिक रूप से केंद्र व राज्य सरकार पर दबाव बनाने पर बल दिया। श्री सहाय ने कहा कि पत्रकारिता पेशे के समक्ष गंभीर चुनौतियां हैं। पत्रकार विषम परिस्थितियों में भी समाचारों का संकलन करते हैं। कभी-कभी जान जोखिम में डालकर भी समाचार संकलन करना पड़ता है। ऐसे में राज्य सरकारों का दायित्व बनता है कि पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करे। देश के कई राज्यों ने पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया है। उसी तर्ज पर बिहार, झारखंड सहित अन्य राज्यों में भी पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पत्रकारों को रेल यात्रा में पचास फ़ीसदी की रियायत दी जाती थी। इसे मोदी सरकार ने निरस्त कर दिया। पत्रकारों को रेल मंत्रालय द्वारा किराए में रियायत के लिए एकजुट होकर दबाव बनाने की जरूरत है।

श्री सहाय ने देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए पत्रकारों को सम्मानित किया। इस अवसर पर इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी ने कहा कि पत्रकार एकता जरूरी है। वहीं, एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष देवानंद सिन्हा और राष्ट्रीय सचिव मधु सिन्हा ने भी पत्रकार एकता पर बल दिया। इस अवसर पर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष रफी सामी, जिला सचिव विपिन कुमार सिंह, काजल मेहता, वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण रमन, संजीत कुमार दीपक, प्रभात कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।








