झारखंड जनाधिकार महासभा, प्रेस विज्ञप्ति, 13 अक्टूबर 2024
महासभा ने वित्त मंत्री रमेश्वर उरांव से मॉब लिंचिंग पीड़ित परिवारों के लिए मुआवज़ा की मांग की
12 अक्टूबर 2024 को झारखंड जनाधिकार महासभा का प्रतिनिधिमंडल राज्य के वित्त मंत्री रमेश्वर उरांव से मिलकर राज्य में पिछले 10 सालों में हुए मॉब लिंचिंग के मामलों पर चर्चा किया. महासभा से जुड़े यूनाइटेड मिली फोरम के जेनेरल सेक्रेटरी अफज़ल अनीस, जो लगातार राज्य के सभी मामलों के तथ्यान्वेषण, मामलों का फोलोअप व परिवारों को सहयोग करने में संघर्षरत रहे हैं, ने मंत्री को मामले की विस्तृत जानकारी दी.
हाल में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम में लिंचिंग के कई पीड़ित परिवारों को मुआवज़ा दिया. इस कदम से न केवल पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद मिली है, बल्कि समाज में एक संदेश भी गया है कि सरकार इस तरह की हिंसा के खिलाफ है. लेकिन मीडिया में उपलब्ध पीड़ित परिवारों के नाम में पिछले 10 साल के अनेक लिंचिंग पीड़ितों का नाम नहीं है.
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से 2016 से अब तक के 32 पीड़ितों की सूचि साझा की जिन्हें मुआवज़ा मिलना चाहिए. मंत्री को बताया गया कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के विषय में इनमें से अधिकांश परिवरों के सदस्यों को पता भी नहीं था. मंत्री ने आश्वासन दिया कि इन्हें भी मुआवज़ा दिया जायेगा.
इन 32 लिंचिंग पीड़ितों के मामले में अधिकांश, खास कर के 2016-19 के दौरान के, धर्म या गाय से जुड़े मामले थे. इनमें अनेक परिवारों के सदस्य, जिन्हें आज तक मुआवज़ा नहीं मिला है, जो आर्थिक तंगी और बीमारी से जूझ रहे हैं. अफज़ल अनीस ने मंत्री से कई उदाहरण साझा किया. पूर्वी सिंहभुम में भीड़ दुवारा मारे गए शेख नईम की 12 वर्ष की पुत्री मिस्बाह परवीन को थैलीसिमिया की बीमारी है उसे हर सप्ताह/पंद्रह दिन में नियमित रूप से ब्लड चढ़ाने की जरूरत है, बालूमाथ (लातेहार) में मोब लिंचिंग में मारे गए मजलूम अंसारी की पत्नी सायरा बीबी का रीढ़ की हड्डियों का इलाज चल रहा है और वर्तमान में उसकी बेटी तबस्सुम परवीन पीलिया और दूसरी बीमारी से लड़ रही है वहीं गढ़वा में मोब लिंचिंग में मारे गए रमेश मिंज की 13 साल की बेटी नेहा मिंज की आंखों में गंभीर समस्या है डाक्टरों ने सलाह दी है कि बच्ची को एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) ले जाकर दिखाएँ। अगर जल्दी नहीं दिखाया गया तो तो उनकी दृष्टि पूरी तरह से खराब हो सकती है। स्व. रमेश मिंज की पत्नी अनीता मिंज रेज़ा कुली में काम करती है उसके पास इतना पैसा नहीं है कि वह दिल्ली ले जाकर अपनी बच्ची का ईलाज कराये। झारखंड में मॉब लिंचिंग के ऐसे कई परिवारों को सहायता की आवश्यकता है.
प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री से मांग किया कि तुरंत इन सभी परिवारों को पर्याप्त मुआवज़ा दिया जाये. यूनाइटेड मिली फोरम व झारखंड जनाधिकार महासभा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपेक्षा करते हैं कि चुनाव के पहले सरकार इस और कार्यवाई करेगी.
झारखंड में मोब लिंचिंग में मारे गए लोगों की सूची:-
Sl.No. Name Date of Incident District
1 Majlum Ansari 18-Mar-16 Latehar
2 Imtiyaz Khan 18-Mar-16 Latehar
3 Shekh Halim 18-May-17 East-Singhbum
4 Shekh Nayeem 18-May-17 East-Singhbum
5 Moh.Sajjad 18-May-17 East-Singhbum
6 Siraj Khan 18-May-17 East-Singhbum
7 Gourav Verma 18-May-17 East-Singhbum
8 Vikash Verma 18-May-17 East-Singhbum
9 Ganesh Gupta 18-May-17 East-Singhbum
10 Ram Chandra Devi 18-May-17 East-Singhbum
11 Alimuddin Ansari 27-Jun-17 Ramgarh
12 Ramesh Minz 19-Aug-17 Garhwa
13 Chiraguddin @ Charka 13-Jun-18 Godda
14 Murtaza Ansari 13-Jun-18 Godda
15 Wakil Khan 12-Mar-19 Palamu
16 Parkash Lakda 10-Apr-19 Gumla
17 Tabrej Ansari 17-Jun-19 Saraikela-Kharsawan
18 CelemantushBarla 23-Jun-19 Khunti
19 Mubarak Ansari 6-Nov-19 Bokaro
20 Subhan Ansari 11-May-20 Dumka
21 Bablu Shah 23-Jun-20 Godda
22 Sachin Verma 10-Mar-21 Ranchi
23 Mubarak Khan 14-Mar-21 Ranchi
24 Ramchandra Oranw 19-Mar-21 Gumla
25 Shamim Ansari 5-May-22 Bharno, Gumla
26 Ejaj Khan 3-Oct-22 Gumla, Chattisgadh Border
27 Imran Ansari 6-Oct-22 Gomiya,Bokaro
28 Rupesh Pandey 6-Feb-22 Barhi,Hazaribagh
29 Shamshad Ansari 22-Aug-23 Ramgarh
30 Moulana Sahebuddin 30-Jun-24 Barkatha
31 Akhtar Ansari 6-Jul-24 Ranchi
32 Saimuel Shekh 30-Jul-24 Pakur