हर्निया से रहना है सुरक्षित तो इन बातों का रखिए ख्याल: डॉक्टर शहबाज आलम
रांची: जब तक शरीर एक लय में चलता है तब तक शायद हम इस बात से बेखबर रहते हैं कि हमारी कोई गलती ही हमारे लिए मुश्किल बन सकती है। प्रकृति ने शरीर की संरचना इस तरह से बनाई है कि प्राकृतिक लय में थोड़ी सी गड़बड़ भी शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। उक्त बातें होपवेल हॉस्पिटल के निदेशक जीआई सर्जन डॉ शहबाज आलम ने कहीं। वह मंगलवार को एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि समस्या कई बार ऐसी वजहों से हो सकती है जिन्हें हम थोड़े प्रयासों से रोक या टाल सकते हैं। हर्निया ऐसी ही एक समस्या है। हर्निया का इलाज आजकल बहुत आसान और सहज उपलब्ध है लेकिन अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो इस तकलीफ से बचाव भी सम्भव है। इनमें से कुछ उपाय तो इतने आसान हैं कि उनका पालन आसनी से किया जा सकता है लेकिन जब हम जानते हुए भी उनकी तरफ से आंखें मूंद लेते हैं तो मुश्किल बढ़ जाती है।
हर्निया की समस्या तब पैदा होती है जब पेट में मौजूद टिशू (ऊतक) या आंत का कोई हिस्सा कमजोर हो चुकी मांसपेशियों की परत को धकेल कर आगे ले आता है। आमतौर पर इस स्थिति में आंत, पेट की अंदरूनी दीवार को धकेल कर बाहर की ओर कर देती है। इसे एक्सटर्नल हर्निया कहते हैं। हर्निया कई प्रकार से आकार ले सकता है। इसलिए इसको लेकर रखी जाने वाली सावधानियां भी भिन्न हो सकती हैं। जन्म से ही पेट की मांसपेशियों का कमजोर होना या पेट की किसी सर्जरी के बाद हर्निया का विकसित होना आपके हाथ में नहीं होता लेकिन कुछ तरीके ऐसे होते हैं जो हर्निया की तकलीफ से बचाने में मदद कर सकते हैं। अपने वजन को संतुलित रखें और बढ़ने न दें। वजन बढ़ने से आपके पेट की अंदरूनी दीवार आपकी हर गतिविधि के दौरान एक्स्ट्रा फैट्स का बोझ लगातार सहती रहेगी। इससे हर्निया होने की आशंका भी बढ़ जाएगी। एक्सरसाइज का सही होना बहुत जरूरी है। अगर आपने कभी एक्सरसाइज नहीं की है और अचानक इसको शुरू करना चाहते हैं तो डॉक्टर या प्रशिक्षक से सलाह लेकर ही इसे शुरू करना चाहिए। कई बार एक्सराइज गलत करने से भी पेट पर दबाव बनता है। हर्निया से बचाव कैसे करें? डॉक्टर शहबाज आलम ने आगे कहा कि हर्निया मांसपेशियों-उत्तको के कमजोर होने से होता है। आप अपने शरीर के मांसपेशियों पर तनाव को कम कर के, हर्निया से बचने का प्रयास कर सकते हैं। साथ ही धुम्रपान करने से बचें।लगातार खांसी या बीमार होने पर डॉक्टर से जल्द परामर्श करें।मल त्याग या यूरीन पास करते समय तनाव या दबाव से परहेज करें। ज्यादा भारी वजन उठाने से बचें, हेल्दी वजन बनाएं रखें। सही सलाह और बेहतर उपचार के लिए आज ही परामर्श लें !