हज़रत मौलाना अख़्तर मजाहिरी कांके कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक


पूर्व केंद्रीय मंत्री, कई विधायक, कई समाजसेवी, कई बुद्धिजीवी, ने जताया शोक
रांची: (आदिल रशीद) झारखंड के सबसे बड़े आलिम दीन मदरसा आलिया अरबिया कांके पतराटोली कांके के प्रिंसिपल और दर्जनों मदरसों के संरक्षक हजरत मौलाना अख्तर हुसैन अल-मुजाहिरी का (80) का निधन हो गया। (इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैहे राजीओंन)। मिट्टी मंज़िल आज 23 मई 2025 बाद नमाज़ असर कांके ईदगाह में नमाज़ जनाजा अदा की गई और कांके कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया। नमाज़ जनाजा उनके पुत्र कारी मुजफ्फर ने पढ़ाई। मौलाना मुकर्रम, कारी मुजफ्फर, कारी अशरफुल हक, कारी सोहेब, मौलाना समीउल हक, मौलाना मंसूर, मौलाना शाहबुद्दीन ने कहा की हज़रत मौलाना अख़्तर साहब जितने अच्छे आलिम दीन थे उतना ही अच्छे प्रिंसिपल थे और उतना अच्छे गार्जियन थे।

खामुशी के साथ काम करने वाले थे। कारी अशरफुल हक ने कहा की मौलाना अख़्तर वो शख्शियत थे जो मुसलमानों को जोड़ने के लिए, भाईचारगी को बढ़ाने के लिए मिलकर खामूशी के साथ काम किए हैं। बहुत अच्छे नेक इंसान थे। ज्ञात हो की मदरसा आलिया के प्रिंसिपल हजरत मौलाना अख़्तर कई महीनों से बीमार चल रहे थे। गुरुवार शाम पांच बजे इरबा अपने भांजा के यहां गए थे। वापसी में हार्ट अटैक आया लोग कांके शंभू नर्सिंग होम लेकर गए जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत बताया।

जैसे ही लोगो को पता चला कि हजरत मौलाना अख़्तर का इंतकाल हो गया और जनाजा घर पहुंच गया तो लोग उनके घर के तरफ चल पड़े। रात दो बजे तक हजारों हजार की भीड़ उमड़ पड़ी। मुफ्ती सनाउल्लाह ने कहा कि नबी अकरम की हदीस है कि नेक और सालेह लोगो की मौत भी बेहतरीन दिन में मिलती है। यह बहुत नेक और हमदर्द इंसान थे। यह अपने पीछे 2 बेटा कारी मुजफ्फर और मौलाना मुकर्रम, दो बेटी नाती, पोता समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए। हज़रत के नमाज़ जनाजा में झारखंड के सभी जिला के लोग, झारखंड, बिहार, बंगला, उड़ीसा, कर्नाटक, समेत कई राज्यों के लोग शामिल हुए।

मिट्टी में शामिल होने वालो में मुफ्ती नज़र तौहीद, मुफ्ती सनाउल्लाह, कारी सोहेब, मौलाना रिजवान, मौलाना मंसूर, मौलाना शाहबुद्दीन, मुफ्ती तल्हा नदवी, मौलाना ओबैदुल्लाह कासमी, मौलाना जियाउलहोदा, मौलाना नसीम अनवर नदवी, मुफ्ती अनवर कासमी, मौलाना समीउल हक, मौलाना तल्हा, मुफ्ती क़मर आलम कासमी, मुफ्ती अब्दुल्लाह अजहर, मुफ्ती सलमान कासमी, हाफिज इरफान, झामुमो मुश्ताक, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय, विधायक सुरेश कुमार बैठा, मौलाना निजामुद्दीन, मौलाना मोहम्मद, मुफ्ती इमरान, कारी अशरफुल हक, मौलाना फिरोज, मौलाना शफ़ीउल्लाह, मुफ्ती दाऊद, हाफिज कुद्दूस, मंजूर अंसारी, ऐनुल हक अंसारी, मजीद अंसारी समेत सैंकड़ों लोग थे।

