फातिमा गर्ल्स एंड बॉयज अकेडमी दीन व दुनिया दोनो संवारती है
पूर्वोत्तर छात्र स्कूल की पहचान होते हैं: साबिर
रांची: फातिमा गर्ल्स एंड बॉयज एकेडमी इटकी रांची (जैक) झारखंड एकेडमिक काउंसिल से मान्यता प्राप्त स्कूल हैं। इस स्कूल की स्थापना 8 जनवरी 1998 को डॉक्टर तबस्सुम फातिमा के द्वारा घर की जेवर बेचकर किया गया था। शुरुआती समय में स्कूल दो कमरों के किराए के मकान पर 17 बच्चों के साथ शुरू किया गया था। इस स्कूल का पहला ओल्ड बॉयज एंड गर्ल्स एलुमनी मेगा मीट की अयोजन आज फातिमा गर्ल्स अकैडमी ग्लोबल एलुमनी एसोसियेशन के तत्वाधान में आयोजित किया गया। इस आयोजन में देश दुनिया में रहने वाले स्कूल के 23 सत्र के 300 से ज्यादा छात्र एक जगह जमा हुए और अपनी-अपनी उपलब्धियां की चर्चा करते हुए छात्र जीवन से जुड़े अनुभवों को साझा किया।
इस एलुमनाई मीट के मुख्य अतिथि मजलिसे उलेमा झारखंड के अध्यक्ष मौलाना साबिर हुसैन मजाहिरी, विशिषिष्ट अतिथि सैयद अबुदुल्लाह एकबाल झारखंड हेड एसोसियासन आफ मुस्लिम प्रोफेशनल, मजलिसे उलेमा झारखंड के सचिव मुफ्ती तल्हा नदवी, स्कूल के निदेशक मौलाना नसीम अहमद नदवी और स्कूल की संस्थापक और प्रिंसिपल डॉक्टर तबस्सुम फातिमा मौजूद थी। इस मौके पर एलुमनाई मेगा मीट के संयोजक सदफ नसीम ने कार्यक्रम का संचालन किया। पूर्वोत्तर छात्र छात्रों ने अपने पुराने समय के यादों को फिर से ताजा किया और स्कूल में अपने-अपने क्लासरूम में घूमी। इस मौके पर बोलते हुए मौलाना साबिर हुसैन मुख्य अतिथि ने कहा कि बड़ी खुशी की बात है कि 8 जनवरी 1998 को ही स्कूल की स्थापना की गई थी। इस तरह से इस स्कूल का स्थापना दिवस इसके साथ ही स्कूल का सिल्वर जुबली भी है और साथ में ग्लोबल एलोमानी मीट का भी आयोजन किया गया है। जहां छात्र छात्रों की प्रतिभा को देखकर मुझे गर्व हो रहा है। इस स्कूल के छात्र पढ़ाई पूरे करके अपने-अपने क्षेत्र में स्कूल और राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं। सैयद अब्दुल्लाह इकबाल झारखंड स्टेट हेड एसो, मुस्लिम प्रोफेशनल ने कहा कि आज के वर्तमान समय में देखा जाए तो झारखंड के लिए फातिमा एकेडमी नायब तोहफा है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में फातिमा गर्ल्स एंड बॉयज अकैडमी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया यूनिवर्सिटी का रूप लेगा। मुझे खुशी हो रही है कि फातिमा एकेडमी अपने मकसद में पूरी तरह कामयाब है और मॉडर्न शिक्षा के साथ-साथ दीनी तालीम भी दी जा रही है। मुफ्ती तलहा नदवी ने कहा कि यह स्कूल विश्वविद्यालय के रूप में बदल रहा है, महिलाओं ने हमेशा कुर्बानी दी है। फातिमा एकेडमी को बढ़ाने के लिए हमेशा यहां के पुराने छात्रों को संबंध रखने चाहिए। क्योंकि इसने ही आपको दुनिया में इस काबिल बनाया है। इस मौके पर सरीता इक्का, रानी सिंह, नैय्यर इकबाल, साजिद इकबाल, सईद जमा नदवी, अंथनी कुजूर, सदफ नसीम, डॉक्टर नेहाल, हाजी मुस्तफा, शशी किंडो, अब्दुल्लाह इकबाल, अजीमुद्दीन, शोएब अख्तर, उजमा नाहिद, मुस्कान परवीन, राहत अंजुमन समेत सैंकड़ों लोग उपस्थित थे।