इरबा में सड़क किनारे मानव श्रृंखला बनाकर वक्फ संशोधन अधिनियम को रद्द करने की किया गया मांग


मुसलमानों की धार्मिक,शैक्षणिक और सामाजिक संस्थाओं के अस्तित्व पर सीधा हमला है:इम्तियाज़ ओहदार

ओरमांझी(मोहसीन):वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत रांची के इरबा के निवासियों ने भी अपना विरोध जताया। मरकजी अंजुमन सोसाइटी इरबा के नेतृत्व में शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोग इरबा में रांची रामगढ़ मुख्य सड़क किनारे गोलबंध हुए और अपना विरोध दर्ज कराने के लिए शांतिपूर्ण मानव श्रृंखला बनाई।इस प्रदर्शन का उद्देश्य वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के उन विशेष प्रावधानों पर चिंता व्यक्त करना था,जिन्हें एक विशेष समुदाय के धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों के लिए खतरा माना जा रहा है,प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह कानून वक्फ संपत्तियों में बढ़ते सरकारी हस्तक्षेप को वैध बनाता है,जो उनका मानना है कि अल्पसंख्यक समुदाय की आत्मनिर्भरता और धार्मिक स्वतंत्रता को कमजोर करता है।

मानव श्रृंखला में पुरुषों,महिलाओं और युवा लड़कियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। कई लोगों ने संवैधानिक अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा की मांग करते हुए तख्तियां ले रखी थीं। विरोध प्रदर्शन बिना किसी नारेबाजी के शांत,अनुशासित और पूरी तरह अहिंसक तरीके से किया गया।मीडिया से बात करते हुए आयोजकों ने स्पष्ट किया कि उनका इरादा टकराव का नहीं बल्कि लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आपत्ति जताना है।

उन्होंने केंद्र सरकार से कानून पर पुनर्विचार करने और प्रभावित समुदायों से बातचीत शुरू कर उक्त संशोधन को वापिस करने की माँग की गई।इस आयोजन को सफलता पूर्वक क्रियानुवान करने में मरकज़ी अंजुमन सोसाईटी इरबा के अध्यक्ष इम्तियाज़ अंसारी सचिव मो.अरशद अनवर एवं सभी सदस्यों एवं इरबा ,करमा,कोइलारी के अवाम ने भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
