शहीदों के परिजनों को 5-5 करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग


आतंकवादियों का मज़हब और धर्म से कोई लेना-देना नहीं: मौलाना तहजीबुल हसन
रांची: ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड झारखंड के अध्यक्ष सह झारखंड सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य और मस्जिद जाफरिया रांची के इमाम व खतीब हजरत मौलाना हाजी सैयद तहजीबुल हसन रिजवी ने आज गुरुवार 24 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए कहा कि इस आतंकवादी हमले की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है। आतंकवादियों द्वारा निर्दोष लोगों पर गोली चलाना मानवता के विरुद्ध है। भारत सरकार को इस आतंकवादी हमले का जवाब कड़ी से कड़ी देना चाहिए। आतंकवादी हमले को राजनीतिक रंग देना खेदजनक है।

आतंकवादियों का धर्म या मजहब से कोई लेना-देना नहीं है। यदि वह स्वयं धार्मिक नहीं है तो वह दूसरों को किस प्रकार का धर्म सिखाएगा? और इस्लाम धर्म में अल्लाह ने पवित्र कुरान में स्पष्ट रूप से कहा है कि धर्म में कोई जबरदस्ती नहीं है। धर्म को जबरन थोपना भी आतंकवाद है। शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि शहीदों के परिवारों को पांच-पांच करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए। और घायलों के परिवारों को दो दो करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए। क्योंकि भारत सरकार के पास खजाने में की कोई कमी नहीं है। साथ ही मैं भारत और झारखंड की जनता से अपील करता हूं कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। गंगा-जमनी सभ्यता को मजबूत करें और आतंकवादियों की साजिश को नाकाम करें। जिन लोगों ने निर्दोष लोगों को बचाया वे भी मुसलमान ही थे। कश्मीरी मुसलमानों ने आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। हम एक बार फिर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
