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मुस्लिम उम्मीदवार नहीं देने पर कांग्रेस प्रभारी ने चुप्पी तोडी

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जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे

आदिल रशीद
रांची: अल्पसंख्यक आयोग झारखंड के उपाध्यक्ष कांग्रेस के सीनियर लीडर शमशेर आलम के आवासीय परिसर में गेट टू गेदर ईद मिलन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें झारखंड सरकार के मंत्री विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, कांग्रेस के झारखंड प्रभारी सैयद गुलाम अहमद मीर के अलावा विभिन्न सामाजिक संस्था के प्रतिनिधि विभिन्न मस्जिद के इमाम, खतीब शामिल हुए। इस मौके पर मरकजी उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना डॉक्टर ओबैदुल्लाह कासमी और सेंट्रल मुहर्रम कमिटी के महासचिव अकील उर रहमान ने झारखंड प्रभारी सैयद गुलाम अहमद मीर और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से झारखंड में 18 प्रतिश्त मुसलमानो को 14 लोकसभा सीट से किसी मुसलमान को कनिडेट नहीं बनाए जाने पर प्रमुखता से सवाल उठाया। इस संदर्भ में मुस्लिम समुदाय की ओर से नाराज़गी से भी अवगत कराया। 2024 का इलेक्शन जहां एक तरफ सांप्रदायिक शक्तियों और धर्मनिरपेक्ष शक्तियों के साथ सीधा मुकाबला है ऐसे में स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए, और भरम पैदा करने वालों का चेहरा भी बेनकाब होना चाहिए। इन सभी सवालों का जवाब देते हुए झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर और मंत्री आलमगीर आलम ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा के इंडिया गठबंधन पूरे देश में चुनाव सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ लड़ रही है। झारखंड में किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं देने पर कहां के हम सब यह चाहते थे कि एक दो मुस्लिम उम्मीदवार झारखंड से चुनाव लड़े। लेकिन पूर्व सांसद कांग्रेस के सीनियर लीडर फुरकान अंसारी से इस संदर्भ में कई बार बातचीत की। और गोड्डा संसदीय क्षेत्र से एक नाम देने को कहा। लेकिन फुरकान अंसारी ने किसी का नाम नहीं दिया। हमने कहा के आप अपने घर से इरफान अंसारी या आपकी बेटी या आप जिसको चाहते हैं एक नाम दे दीजिए, जो चुनाव लड़े। लेकिन उन्होंने किसी का नाम नहीं दिया और यह कहा के चुनाव तो हम ही लड़ेंगे। इरफान अंसारी तो विधायकी नहीं छोड़ना चाहते हैं। इसके बाद हमने इरबा के अनवार अहमद अंसारी, इसके साथ शहजादा अनवर, बोकारो के मंजूर अंसारी, वैसे कांग्रेसी जो उच्च पदों पर है उन सब लोगों से भी नाम मांगा, या उन्हें चुनाव लड़ने की बात कही तो उन्होंने हाथ उठा दिया। और कहां के कोई भी मुस्लिम का प्रस्ताव हम नहीं देंगे। ऐसे स्थिति में हम क्या करते। पार्टी तो कैंडिडेट पार्टी के अंदर से ही बनाएगी। सड़क से उठाकर तो किसी को कैंडिडेट नहीं बनाया जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा की
रांची सीट पर भी उम्र की बाधा थी। जब सुबोध कांत सहाय को कहा गया कि आपकी उम्र के वजह से टिकट मिलना मुश्किल है, आप किसी का नाम दीजिए तो उन्होंने फौरन अपनी बेटी यशस्विनी सहाय का नाम पेश किया। जिस पर कांग्रेस पार्टी ने मोहर लगा दी।
आखिर में मौलाना डॉक्टर ओबैदुल्लाह कासमी ने यह भी सवाल उठाया की कुछ ही महीनों के बाद झारखंड विधानसभा का चुनाव होना हैं। उसमे अगर आबादी के हिसाब से मुसलमानो को टिकट नहीं दिया जाता है तो पूरे झारखंड में आंदोलन किए जाने पर विचार भी किया जा सकता है।
जिसका जवाब देते हुए प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा कि आप जितने गण्यमानाय लोग हैं वो ऐसे उम्मीदवारों का नाम अभी से सुनिश्चित करें। मैं वादा करता हूं की मुस्लिम बहुल क्षेत्र वाले विधानसभा में कांग्रेस पार्टी द्वारा उम्मीदवार बनाऊंगा। हाई कमान तक आपकी बातों को पहुंचाऊंगा। उन्होंने यह भी कहा की जिन लोगों का मैने नाम लिया है आप मेरे नाम के साथ इस पर चर्चा भी कर सकते हैं।
इस मौके पर सेंट्रल मोहर्रम कमेटी के महासचिव अकील उर रहमान, प्रोफेसर परवेज हसन, मरकजी उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना डॉक्टर ओबैदुल्लाह कासमी, राईन पंचायत के अध्यक्ष हाजी फिरोज, इराकी पंचायत के महासचिव सैफुल हक, जमीयतुल कुरैश झारखंड के अध्यक्ष मुजीब कुरैशी, गद्दी पंचायत के हाजी साहब अली, मेराज गद्दी, इद्रीश्या 84 के मोहम्मद इस्लाम, अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष हाजी मुख्तार, ग्रामीण अंजुमन के नुरुल्लाह हबीब नदवी, रातु अंजुमन के अनिसुर रहमान, मदीना मस्जिद के इमाम मौलाना अंसार उल्लाह, कुरेशी जामा मस्जिद के मौलाना मंजूर हसन बरकाती, एडवोकेट ए अल्लाम, अशरफ हुसैन, इम्तियाज़ खान, पूर्व पार्षद जमील, शकील कैप्टन, समेत कई गण्यमान्य लोग उपस्थित थे।

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