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मत्स्य निदेशालय की सराहनीय पहल: मोती पालन को मत्स्य कृषक बना रहे आमदनी का सशक्त माध्यम

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पर्ल कल्चर के लिए मत्स्य कृषकों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित

नवल किशोर सिंह, वरीय संवाददाता

रांची। निदेशक मत्स्य, झारखंड के निर्देशन में मंगलवार को राष्ट्रीय मात्सियकी विकास बोर्ड (एन एफडीबी) हैदराबाद के आशीष बोहरा, (सीनियर एक्सक्यूटिव) विपिन चन्द्र नौटियाल, (एक्सक्यूटिव, तकनीकी) ने हजारीबाग में किसानों के साथ पर्ल कल्चर संवाद कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर संजय गुप्ता, उप मत्स्य निदेशक, प्रदीप कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी, रांची, रजनी गुप्ता मत्स्य प्रसार पदाधिकारी, हजारीबाग के साथ जिले के 87 किसान उपस्थित थे। इस अवसर पर सभी किसानों का केसीसी का फार्म भी भरवाया गया।

साथ ही नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म (एन एफडीपी) पोर्टल पर पंजीकृत भी किया गया। विदित हो कि हजारीबाग को भारत वर्ष में पर्ल कल्चर के लिए कल्स्टर के रूप में चयनित किया गया है। इस अवसर पर मो. निजामुद्दीन, सीएससी, डिस्ट्रिक्ट मैनेजर, आजाद कुमार, अग्रणी बैंक प्रबंधक की उपस्थिति में मोती पालन के किसानों के साथ संवाद -सह- गोष्ठी कार्यक्रम किया गया। इसी क्रम में उपस्थित कृषकों द्वारा किये जा रहे मोती पालन की गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की गई। उपस्थित कृषकों द्वारा मोती पालन पर तकनीकी सहायता तथा आर्थिक सहायता की अपेक्षा की गई तथा इसका बाजार उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया गया। साथ ही उपस्थित सभी किसानों का नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफार्म पर पंजीकरण किया गया।
किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा प्रदान करने हेतु जानकारी देते हुए फार्म भी भरवाया गया। इसके लिए डाॅ. एचएन द्विवेदी, निदेशक मत्स्य, झारखंड का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार व्यक्त किया गया।

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