All India NewsBlogJharkhand NewsNewsRanchi JharkhandRanchi Jharkhand NewsRanchi News

अमानत व दयानत पर आधारित साफ़ व शफ़्फ़ाफ़ चुनाव हमारी पहली प्राथमिकता। कन्वीनर इंतिख़ाब 2025 अंजुमन इस्लामिया राँची

oplus_3145728
Share the post
oplus_3145728

राँची: 09/11/2025

अल्हम्दुलिल्लाह!
इंतेख़ाबी मरहले के तहत अंजुमन इस्लामिया राँची की मुन्तज़िमा के लिए जमा हुए फार्म की रोशनी में मेम्बरान की फ़ेहरिस्त-साज़ी, तर्तीब और कम्पोज़िंग का काम जारी है, जो जल्द ही मुकम्मल होजाएगा। अब अगला मरहला अंजुमन के दस्तूर के मुताबिक़ वाक़ई मुस्तहिक़ और ग़ैर मुस्तहिक़ इदारों व मेंबर्स की तहक़ीक़ व तफतीश और स्क्रूटनी का है। यह मरहला इंतेख़ाब की शफ़्फ़ाफ़ियत, अमानत और दयानतदारी के लिए निहायत अहम है।

इसलिए तमाम समाजी व मआशरती जिम्मेदारान, बुज़ुर्गों और नौजवानों, नेज़ बाज़मीर अफ़राद से पुरख़लूस अपील है कि अगर आप के इल्म में कोई ऐसा नाम या फार्म हो जो ज़ाब्ता के मुताबिक़ नहीं है या किसी ने ग़लत मालूमात देकर फार्म जमा किया हो, या किसी ऐसे शख़्स ने फार्म दाख़िल किया हो जो अंजुमन की अहलियत के मुताबिक़ पूरा नहीं उतरता हो तो बराए मेहरबानी इंतेख़ाबी दफ़्तर को ज़रूर इत्तिला करें।

यह इत्तिला अमानत की अदाएगी, दयानतदारी और हक़ की गवाही है, जिसका अजर अल्लाह तआला के यहाँ बहुत अज़ीम है। यह अमल किसी की मुख़ालिफ़त नहीं बल्कि हक़, अद्ल और शफ़्फ़ाफ़ियत के क़ियाम की ख़िदमत है।

क़ुरआन करीम में है:

“गवाही को मत छिपाओ, और जो गवाही को छिपाए वह गुनहगार दिल का मालिक है, और जो कुछ तुम करते हो, अल्लाह तआला उससे खूब वाक़िफ़ है।”

लिहाज़ा यह दीनी, मिल्ली और अख़लाक़ी ज़िम्मेदारी है कि इंतेख़ाब को साफ़, शफ़्फ़ाफ़ और मिसाली बनाने में अपना-अपना मुस्बत किरदार अदा किया जाए। शफ़्फ़ाफ़ियत ही एतमाद (विश्वास) की बुनियाद है, और अंजुमन इस्लामिया राँची की बुनियाद एतमाद, दयानत, शफ़्फ़ाफ़ियत और मिल्ली ख़िदमत पर रखी गई है।

सचाई, अद्ल और दयानत पर क़ायम रहना सिर्फ़ अख़लाक़ी फ़र्ज़ नहीं बल्कि दीनी ज़िम्मेदारी भी है। जो शख़्स इंतेख़ाबी अमल को शफ़्फ़ाफ़ बनाने में मदद करेगा, वह दरअस्ल हक़ व इंसाफ़ के क़ियाम में शरीक होगा।

हक़ जानने के बावजूद ख़ामोश रहने से ग़लत की हिमायत होती है, और अमानत व दयानत पीछे रह जाती है, जिससे अंजुमन जैसी मुक़द्दस मिल्ली अमानत में बे-एतमादी का माहौल पैदा हो सकता है। लिहाज़ा ख़ामोशी भी एक ग़ैर-शऊरी ख़यानत है, जब कि हक़गोई एक मिल्ली ख़िदमत है।

हम सब अहद करें कि यह इंतेख़ाब मिसाली, मुनसिफ़ाना और बिना किसी दबाव के मुकम्मल हो। यक़ीन है कि हम सब की सचाई, दयानत और तआवुन से अंजुमन इस्लामिया राँची का इंतेख़ाब एक मिसाली, मुनसिफ़ाना और इत्मिनानबख़्श अमल साबित होगा।

अल्लाह तआला हमें सच बोलने, सच पर क़ायम रहने और हक़ की गवाही देने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए।

इंतेख़ाबी दफ़्तर का मक़सद सिर्फ़ और सिर्फ़ सचाई, अद्ल और अमानत के उसूलों पर मबनी इंतेख़ाबी अमल मुकम्मल करना है।
इस मक़सद के लिए इंतेख़ाबी दफ़्तर पूरी दयानत के साथ अपनी ज़िम्मेदारी अंजाम दे रहा है। मगर यह अमल उस वक्त मुकम्मल और कामयाब होगा जब अवाम भी इसमें शरीक-ए-तआवुन बनें।

हम चाहते हैं कि इस अमल के बाद ऐसा नतीजा सामने आए जिस पर समाज इत्मिनान का इज़हार करे।

अपील है कि इंतेख़ाबी दफ़्तर का तआवुन करके इस अमल को कामयाब बनाएं। इंशा अल्लाह हमारा यह अमल हमारी अंजुमन इस्लामिया राँची के लिए ख़ैर व बरकत, इत्तेहाद व इत्तिफ़ाक़ और इज़्ज़त व वक़ार का सबब बनेगा।

अल्लाह तआला हम सब को दयानत, इंसाफ़ और सचाई पर क़ायम रहने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए।

वस्सलाम
(मुफ़्ती) मोहम्मद अनवर क़ासमी
कन्वीनर, इंतेख़ाब 2025
अंजुमन इस्लामिया राँची

Leave a Response