Sunday, September 8, 2024
Jharkhand News

मुख्यमंत्री श्री चंपई सोरेन पब्लिक स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के छात्र प्रतिभा सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में रहेंगे सम्मिलित: आलोक कुमार दूबे, प्रदेश अध्यक्ष, पा स वा

माननीय मुख्यमंत्री ने पा स वा के सम्मान समारोह में आगामी 2 जुलाई को टाना भगत इंडोर स्टेडियम खेलगांव में प्रतिभावान छात्रों को पुरस्कृत करने की दी सहमति!

माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा निजी विद्यालयों के हित मे आरटीई की समस्याओं पर सकारात्मक पहल का पब्लिक स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल दिया आश्वासन
आज दिनांक 27 जून 2024 को पब्लिक स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे एवं प्रदेश उपाध्यक्ष लाल किशोर नाथ शाहदेव के नेतृत्व में पासवा का एक प्रतिनिधि मंडल झारखंड के मुख्यमंत्री माननीय श्री चंपई सोरेन जी से मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल ने माननीय मुख्यमंत्री जी को पासवा द्वारा आगामी 2 जुलाई को होने वाले राज्य के सबसे बड़े छात्र प्रतिभा सम्मान समारोह जो रांची के हरिवंश टाना भगत इंडोर स्टेडियम खेलगांव रांची में आयोजित होगा में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होने का अनुरोध किया।
जिसमें माननीय मुख्यमंत्री ने पब्लिक स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में किया जा रहे प्रयासों की सराहना की एवं प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वे निश्चित रूप से आगामी सम्मान समारोह में सम्मिलित होंगे व अपने हाथों से बच्चों को मेडल एवं सर्टिफिकेट से सम्मानित करेंगे एवं झारखंड के प्रतिभावान बच्चों का उत्साह वर्धन करेंगे।


पासवा के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को निजी विद्यालयों को आरटीई के प्रश्न पर हो रही समस्याओं से भी अवगत करवाया एवं आरटीई की कठिन शर्तो को निरस्त करने हेतु एक ज्ञापन भी दिया। प्रतिनिधिमंडल में माननीय मुख्यमंत्री जी को बताया कि संपूर्ण राष्ट्र में आरटीई के कानून के तहत कोई भी कठिन शर्त आरोपित नहीं है और उसे निजी विद्यालयों को मानने में भी कोई कठिनाई नहीं है, किंतु पिछली रघुवर दास की सरकार ने 2019 में संशोधन करके आरटीई के कानून में ऐसे ऐसे कठिन शर्त जोड़ दिए जैसे जमीन की बाध्यता, कमरे का साइज, फायर का क्लीयरेंस जिसका अनुपालन किसी भी निजी विद्यालयों के लिए संभव नहीं है। और दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि यह संशोधन सिर्फ और सिर्फ झारखंड में लागू है अन्यत्र संपूर्ण भारत में कहीं नहीं। और उससे भी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि यह प्रावधान झारखंड में सिर्फ निजी विद्यालयों के लिए किए गए हैं सरकारी विद्यालयों को इन शर्तों से मुक्त रखा गया है। एक ही राज्य में निजी विद्यालयों के लिए अलग कानून और सरकारी विद्यालयों के लिए अलग कानून यह बड़ी ही हास्यास्पद है।आलोक दूबे ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि आरटीई के इन संशोधनों को रद्द करते हुए झारखंड में भी वही कानून लागू करवाया जाए जो अन्य राज्यों में भी लागू है और सरकारी और निजी विद्यालयों को शिक्षा के लिए एक ही मापदंड रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने गंभीरता से इन समस्याओं को सुना और प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सरकार निजी विद्यालयों की समस्या के प्रति संवेदनशील है और बहुत जल्द उनके हित में कोई सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।
पब्लिक स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन माननीय मुख्यमंत्री के संवेदनशील व्यवहार से बहुत ही आशान्वित हैं कि शिक्षा के प्रति सरकार निश्चित रूप से निजी विद्यालयों के पक्ष में कोई सकारात्मक निर्णय लेगी। प्रतिनिधिमंडल में कुमुद रंजन ,मेहुल दुबे,जाबिर अंसारी, अनिकेत कुमार शामिल थे।

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