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भारत के युवाओं के लिए : आतिथ्य उद्योग में उद्योग में करियर का आह्वान

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भारतीय हॉस्पिटैलिटी में एक नई लहर

भारत, जहाँ संस्कृति, इतिहास और विविधता का संगम होता है, अपने समृद्ध विरासत और मनमोहक परिदृश्यों से यात्रियों को आकर्षित करता है। हिमालय बर्फीली चोटियों से लेकर राजस्थान की सुनहरी रेगिस्तान, केरल की बैकवाटर्स से लेकर देश भर के रंग-बिरंगे त्योहारों तक, भारत एक पूर्ण इंद्रिय अनुभव प्रदान करता है।

भारत में पर्यटन तेजी से बढ़ रहा है। पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी स्किल काउंसिल (THSC) ने 2025 से 2028 के बीच भारत में हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन क्षेत्रों में 30 लाख नए कार्यबल की आवश्यकता का अनुमान लगाया है। 2030 तक 2.5 करोड़ अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन का लक्ष्य रखा गया है। तो सवाल यह है—क्या हम इस मांग को पूरा करने के लिए कुशल जनशक्ति के साथ तैयार हैं?

क्यों हॉस्पिटैलिटी? क्यों अभी?

भारत की पर्यटन वृद्धि चार स्तंभों पर आधारित है: गंतव्य, बुनियादी ढांचा, सुरक्षा और कुशल मानव संसाधन | पहले तीन क्षेत्रों में लगातार प्रगति हुआ है, लेकिन चौथा—प्रशिक्षित मानव संसाधन—अतिथि अनुभव को ऊंचाई तक ले जाने की कुंजी है।

यहीं पर राष्ट्रीय होटल प्रबंधन एवं कैटरिंग प्रौद्यिगिकी परिषद् (NCHMCT) जैसे संस्थान की भूमिका क्रांतिकारी बन जाती हैं। देश भर में 90 से अधिक संबद्ध संस्थानों के साथ, जिनमें प्रमुख होटल प्रबंधन संस्थान (IHM) शामिल हैं, स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के माध्यम से भारत के आतिथ्य क्षेत्र के भावी नेताओं को तैयार कर रहा है।

इनका प्रमुख पाठ्यक्रम, बी.एससी.इन हॉस्पिटैलिटी और होटल एडमिनिस्ट्रेशन में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के सहयोग से प्रदान किया जाता है, और NCHM-JEE के माध्यम से प्रवेश योग्य है, जो सभी 10+2 उत्तीर्ण छात्रों के लिए खुला है — और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप इसमें कोई आयु सीमा नहीं है।

सिर्फ होटल नहीं: करियर का एक विशाल ब्रह्मांड

यह सोचना गलत है तक होटल मैनेजमेंट की डिग्री सिर्फ होटलों तक सीमित है। सके अंतर्गत करियर के अनेक मार्ग खुलते हैं:

  • एयरलाइंस और एयरपोर्ट्स
  • क्रूज़ और रेलवे
  • इवेंट और वेडिंग प्लानिंग
  • फैसिलिटी मैनेजमेंट
  • पाक कला और फ़ूड इनोवेशन
  • बिक्री और विपणन
  • उद्यमिता

हॉस्पिटैलिटी पेशेवरों को वैश्विक अवसर, लक्ज़री ब्रांड्स का एक्सपोज़र और एक उत्साहपूर्ण उद्योग में काम करने का अवसर मिलता है।

हॉस्पिटैलिटी करियर के लिए आवश्यक कौशल

एक सफल हॉस्पिटैलिटी पेशेवर में व्यक्तित्व और व्यावसायिकता का मेल होना जरुरी है। आज के इच्छुक युवाओं को निम्नलिखित कौशल में निपुण होना चाहिए:

  • संचार और ग्राहक सेवा – स्पष्टता, सहानुभूति और संबंध प्रबंधन
  • समस्या-समाधान और मल्टीटास्किंग – दबाव में निर्णय लेने की क्षमता
  • सूक्ष्मता पर ध्यान – हर छोटे अनुभव का महत्व
  • नेतृत्व और टीमवर्क – तेज़ गति वाले वातावरण में समन्वय बनाना
  • तकनीकी दक्षता – डिजिटल उपकरणों, पीएमएस और कॉन्टैक्टलेस समाधान का उपयोग
  • सांस्कृतिक जागरूकता और लचीलापन – विविध वैश्विक ग्राहकों की सेवा
  • समय प्रबंधन – कई जिम्मेदारियों को कुशलतापूर्वक निभाना

ये सभी कौशल आईएचएम के पाठ्यक्रम में तकनीकी ज्ञान के साथ शामिल हैं ताकि छात्र पहले दिन से ही कार्य के लिए तैयार हों।

प्लेसमेंट: भरोसेमंद इतिहास

IHMs में प्लेसमेंट सपोर्ट मज़बूत है, जहाँ गंभीर छात्रों के लिए लगभग 100% प्लेसमेंट सुनिश्चित होता है। प्रमुख होटल श्रृंखलाएं, एयरलाइंस, क्यूएसआर ब्रांड्स और फैसिलिटी मैनेजमेंट कंपनियां सीधे कैंपस से भर्ती करती हैं। आज कई आईएचएम पूर्व छात्र आज वैश्विक स्तर पर वरिष्ठ नेतृत्व की भूमिकाओं में हैं, जो इस उद्योग की विकासशीलता और उद्यमशीलता की संभावनाओं को दर्शाता है।

ग़लत धारणाओं को तोड़ना

मजबूत करियर संभावनाओं के बावजूद, होटल प्रबंधन में नामांकन में गिरावट देखी गई है। क्यों?

लंबे कार्य घंटे और कम वेतन की धारणा – प्रारंभिक वर्षों में यह सच हो सकता है, लेकिन अनुभव के साथ वेतन और सुविधाएं काफी बढ़ते हैं।
जागरूकता की कमी – हॉस्पिटैलिटी सिर्फ रिसेप्शन डेस्क तक सीमित नहीं है; यह एक बहुआयामी उद्योग है।
महामारी की आशंका – यह क्षेत्र प्रभावित हुआ था, लेकिन अब फिर से उभरा है और पहले से अधिक स्थितव्य वाला करियर बन चूका है|

NCHMCT का नया पाठ्यक्रम, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप, अब मुख्य कौशल, रोजगार योग्यता और अनुभवात्मक शिक्षा पर केंद्रित है—जो शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई को पाटता है।

भविष्य की ओर उन्मुख पाठ्यक्रम

भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए, भारत में हॉस्पिटैलिटी शिक्षा तेजी से बदल रही है

  1. नवाचार और उद्यमिता – डिज़ाइन थिंकिंग, रचनात्मक समस्या-समाधान और स्टार्टअप सोच को प्रोत्साहन।
  2. सततता – जिम्मेदार पर्यटन, ऊर्जा दक्षता और अपशिष्ट प्रबंधन पर केंद्रित मॉड्यूल।
  3. सांस्कृति बोध – वैश्विक और घरेलु विविधताओं को समझने पर जोर
  4. डिजिटल साक्षरता – सीआरएम टूल्स, डेटा एनालिटिक्स, सोशल मीडिया मार्केटिंग और साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण।

अंतिम विचार: एक उद्देश्यपूर्ण करियर

हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र केवल नौकरियों तक सीमित नहीं है—यह यात्रा, विकास, शिक्षा और नेतृत्व के साथ एक संतोषजनक करियर निर्माण की बात है। युवाओं और संस्कृति से भरपूर राष्ट्र के लिए, हॉस्पिटैलिटी व्यक्तिगत सफलता और राष्ट्रीय प्रगति का मार्ग प्रस्तुत करता है।

जैसे-जैसे होटल, एयरलाइंस और पर्यटन क्षेत्र बढ़ते जा रहे हैं, कुशल पेशेवरों की आवश्यकता कई गुना बढ़ेगी। सही दृष्टिकोण, प्रशिक्षण और लोगों के प्रति जुनून के साथ, युवा भारतीय इस फलते-फूलते उद्योग में असीम ऊंचाइयाँ प्राप्त कर सकते हैं।

भारत का हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र अपने अगली पीढ़ी के नेताओं की प्रतीक्षा कर रहा है। क्या आप इस आह्वान को स्वीकार करेंगे?

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