वक्फ़ कानून पर केंद्र सरकार से दोबारा विचार करने की अपील, सभी टूरिस्ट प्लेस पर अस्पताल पुलिस चौकी, इंटेलिजेंस चौकी हो:- अरशद खान


सीजफायर से भारतीयों का दिल टूट गया: खान
रांची: केंद्र सरकार से अपील है कि जो वक्फ़ कानून 2025 बना है वह हिंदुस्तान के संविधान के खिलाफ है। संवैधानिक व्यवस्था है कि सभी मजहब की अपनी प्रापर्टी व जो अपनी इबादतगाहें हैं। संविधान कहता है कि उस इबादतगाह की कमेटी में उसी के धर्म के मानने वाले लोग सदस्य होंगे। बौद्ध, जैन, ईसाई, सरना, हिंदू, सिख इन सबकी कमेटी में उसी मज़हब के लोग होंगे। फिर वक्फ़ कानून में ऐसा परिवर्तन क्यों ? उक्त बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह पूर्व विधायक जौनपुर उत्तर प्रदेश सह राष्ट्रीय अध्यक्ष भारत किसान यूनियन मो अरशद खान ने कहीं। वह शुक्रवार 16 मई 2025 को रांची मोरहाबादी स्थित स्टेट गेस्ट हाउस में प्रेस को संबोधित कर रहे थे। वह पांच दिवसीय झारखंड दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हैं कि वक्फ़ कानून जो आप ने बनाया है उस पर फिर से गौर करे और जो मुसलमानो कि बड़ी तंजीमे हैं उससे मशवरा करके संविधान के मुताबिक बनाएं। अगर आप मुसलमानों के साथ सभी मज़हब के लोगों को इंसाफ और बराबरी देंगे तो चंद्रगुप्त महान, अशोक महान, और अकबर महान की श्रृंखला में आप का नाम जुड़ जाएगा।
साथ ही उन्होंने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा के हम पहलगाम हमले का कड़ी निंदा करते है। कश्मीर में पहलगाम सहित जहां-जहां टूरिस्ट प्लेस हैं, वहां अस्पताल, पुलिस चौकी, फौजी चौकी होना चाहिए। अगर यह होता तो हमारे कुछ लोग बच जाते। भारत सरकार ने जब पहलगाम अटैक का बदला लेने के लिए पाकिस्तान की नौ आतंकवाद के अड्डों पर हमला किया तो देश की 140 करोड़जनता में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। और यह उम्मीद होने लगी के है पीओके पर हम कब्जा कर लेंगे। पाकिस्तान पर कब्जा कर लेंगे। लाहौर रावलपिंडी भारत की हो जाएगी। हमें लाहौर से चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। लेकिन अचानक सीजफायर होने से हम 140 करोड़ भारतीयों का दिल टूट गया। और फिर वह गाना याद आया कि, दिल के अरमां आंसुओं में बह गए। इस मौके पर मौलाना मुशर्रफ जमाल कासमी, मौलाना महताब आलम आदि थे।
