जमीयत उलेमा रांची ज़िला की एक महत्वपूर्ण बैठक, कई मुद्दों पर हुई चर्चा, कई प्रस्ताव पारित


उम्मीद पोर्टल पर पंजीकृत हेतु जमीयत उलेमा का हेल्प डेस्क जल्द: हाजी शाह उमैर
रांची: जमीयत उलेमा रांची ज़िला की एक महत्वपूर्ण बैठक आज 25 अक्टूबर 2025 को सुरसा मुडमा में आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता जमीयत उलेमा झारखंड के अध्यक्ष हज़रत मौलाना अब्दुल कय्यूम कासमी ने की और संचालन हाफ़िज़ अब्दुल अज़ीज़ ने किया। बैठक को संबोधित करते हुए जमीयत उलेमा झारखंड के अध्यक्ष ने कहा कि मकातिब के निजाम को मज़बूत करने के लिए ब्लॉक स्तर पर हर हफ़्ते मीटिंग, ज़िला स्तर पर महीने में एक बार और राज्य स्तर पर भी बैठक होनी चाहिए। उन्होंने सामाजिक सुधार पर बात करते हुए कहा कि आप सभी जमीयत उलेमा से जुड़े हुए हैं। अपने अपने क्षेत्र और गाँव में 15 दिनों में एक बार सामाजिक सुधार कार्यक्रम आयोजित करें। मौलाना अब्दुल कय्यूम कासमी ने एसआईआर की बात की और कहा कि सभी लोग अपने बीएलओ से कागज़ात दुरुस्त करवा लें।

वक्फ़ के बारे में बात करते हुए जमीयत उलेमा के अध्यक्ष ने कहा कि वक्फ बोर्ड में पंजीकृत संपत्ति का पंजीकरण उम्मीद पोर्टल में होना चाहिए। इसके अलावा जो लोग वक्फ बोर्ड में पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें उम्मीद होटल में पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है। वहीं जमीयत उलेमा झारखंड के महासचिव हाजी शाह उमैर ने मकातिब और उम्मीद पोर्टल के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि खाना पीना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी इस समय उम्मीद पोर्टल में वक्फ संपत्ति का पंजीकरण कराना भी है। उन्होंने कहा कि में शाह उमैर जमीयत उलेमा झारखंड के काम करने में विश्वास रखते हैं और आपलोगों का समर्थन मिला तो इंशा अल्लाह इस बार जमीनी स्तर पर काम दिखेगा। उम्मीद पोर्टल पर पंजीकृत के लिए जमीयत उलेमा का हेल्प डेस्क जल्द ही हवारी मस्जिद में खोला जाएगा। वहीं मजलिस उलेमा झारखंड के अध्यक्ष हजरत मौलाना साबिर हुसैन ने कहा कि मैं लंबे समय से जमीयत उलेमा से जुड़ा हूं। यह जमीयत उलेमा ही थी जिसने गांधी जी को अफ्रीका से लाकर भारत में तारूफ कराया। जमीयत उलेमा ने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया था। वहीं जमीयत उलेमा झारखंड के आमला सदस्य हजरत मौलाना डॉ असगर मिस्बाही ने जमीयत उलेमा से अपने परिचयात्मक भाषण में कहा कि हर मुसलमान जमीयत उलेमा से जुड़कर गर्व महसूस करता है। जिस तरह नमाज अनिवार्य है, उसी तरह इंसानी सेवा भी जरूरी है।

एक उलेमा के रूप में जो जिम्मेदारी निभानी चाहिए उसमें कुछ कमी रह जा रही है। उलेमा की जिम्मेदारी बहुत बड़ी है। समाज सुधार और मकातिब की निजाम को मजबूत किया जाना चाहिए। वहीं मौलाना इकरामुल हक आयनी ने कहा कि उलेमा खेमे में जो कमी है उसे दूर करें, हालात से घबराएं नहीं, संविधान के मुताबिक संघर्ष जरूरी है। वहीं क़ाज़ी उजैर कासमी ने कहा कि ब्लॉक स्तर पर मकातिब का सर्वेक्षण करना जरूरी है। मकातिब की स्थापना, मकातिब का सुदृढ़ीकरण, पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षा। वहीं मौलाना इमरान ने कहा कि इन सभी कार्यों को जिलों में बांटकर काम करने की जरूरत है। मौलाना अब्दुल वाजिद चतुर्वेदी ने कहा कि सामाजिक सुधार पर काम करने की जरूरत है। मौलाना अब्दुल जलील कासमी ने कहा कि देश के हालात सबके सामने हैं। इसलिए जरूरी है कि हम देश को सामने रखकर अपना काम करें। मौलाना शौकत ने कहा कि विधानसभा क्षेत्रवार जिम्मेदार व्यक्ति का चयन करें तभी काम होगा। वहीं आमिया संगठन प्रमुख एस अली ने कहा कि हम जमीयत उलेमा से अपील करते हैं कि वे आलिम फाजिल के प्रति गंभीर रहें। हम इसकी लड़ाई लड़ रहे हैं , आप सबका साथ चाहिए। कार्यक्रम की शुरुआत कारी मासूम द्वारा पवित्र कुरान की तिलावत से हुई और हाफ़िज़ मुहम्मद अरशद ने नात नबी पढ़ी। मौलाना शाकिर इस्लाही ने धन्यवाद ज्ञापन किया। स्वागत भाषण मौलाना अब्दुल अज़ीज़ ने दिया। इस मौके पर मौलाना अब्दुल कय्यूम कासमी, मौलाना साबिर मजाहिरी, मौलाना रफीक मजाहिरी, हाजी शाह उमैर, कारी सोहैब अहमद, मौलाना नजमुद्दीन, मौलाना अबुल कलाम, हाफिज तजम्मुल, मौलाना असगर मिस्बाही, कारी तैयब, तनवीर आलम, काजी उजैर, मुफ्ती तल्हा नदवी, हाफिज अब्दुल अजीज, मौलाना वसीम, मौलाना शहाबुद्दीन, मौलाना परवेज, एस अली, मुफ्ती खालिद, मौलाना अब्दुल मनान, मौलाना शाहजहां, मौलाना इम्तियाज, मौलाना नूरुल्लाह हबीब नदवी, कारी असजद, मुफ्ती फिरोज, हाजी कतिबुल हक, हाफिज आरिफ, कारी जान मुहम्मद, मौलाना अब्दुल जलील, कारी मासूम, मौलाना इश्तियाक, मौलाना जावेद, हाजी एहसान, मौलाना शौकत, हाफिज वसीम, डॉ. जुल्फिकार, मुहम्मद जमाल, मौलाना इकरामुल हक ऐनी, मौलाना सादिक, मौलाना अब्दुल वाजिद चतुर्वेदी, मौलाना इमरान, मौलाना साजिद, मौलाना मजहर, मुफ्ती दिलशाद, मौलाना इनामुल्लाह नदवी, हाजी शमशेर, मौलाना ताहा समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।








