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अक्लियत की राजनीतिक हक सुनिश्चित करे गंठबंधन: अय्यूब अली

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ऑल इण्डिया यूथ मोमिन कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्य के युवा समाजसेवी श्री अय्यूब अली ने आज जेएमएम और कांग्रेस के नाम एक खुला पत्र लिखा, जिसमे उन्होंने मौजूदा राजनीतिक जोड तोड और भाजपा तथा संघ की जनप्रतिनिधि खरीद फरोख्त की नीति का कड़े शब्दो में निंदा की और कहा की पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन जैसे सीनियर लीडर द्वारा लिया गया कदम जेएमएम और कांग्रेस के लिए एक सीख होनी चाहिए। साथ ही साथ श्री अय्यूब अली ने कहा की झारखंड बनने के बाद से आज तक इन राजनीतिक दलों ने माइनॉरिटी मोमिनों को पार्टी और चुनाव में तरजीह नहीं दी है। हम सभी भेदभाव को झेलते हुए मुल्क की सेक्युलर ढांचा को बनाए रखने के लिए बिना किसी पद लोभ के सेक्युलर पार्टियों को मजबूत करते चले आ रहे है। अब समय आ गया है की तमाम सेक्युलर पार्टियों को हमारे संघर्ष और बलिदान को सम्मान देते हुए सत्ता में समानपूर्वक साझेदारी देने की पहल करनी चाहिए।

श्री अय्यूब अली ने कहा की पूरे मुल्क में वाहिद मुसलमान ऐसी कौम है जो बिना किसी जाति फायदे के हिंदुस्तान के सेक्युलर ताना बाना को बनाए रखने के लिए गंठबंधन के पक्ष में वोट करती है। अगर हम झारखंड की बात करे तो यहां मोमिनों की आबादी 15 प्रतिशत से अधिक है और कई ऐसे विधानसभा है जहा हमारा वोट निर्णायक है। झारखंड बनने के बाद से मुसलमान राजनीतिक बलिदान देता आ रहा है, अभी हाल ही में जब भाजपा के साजिशो के तहत जब श्री हेमंत सोरेन को जेल जाना पड़ा तो हमने अपने कोटे की सीट गांडेय का भेट सोरेन परिवार को दिया।
श्री अय्यूब ने कहा अब कौम जेएमएम और कांग्रेस के तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है की आगामी विधानसभा चुनाव में हमें हमारी आबादी के अनुरूप राजनीतिक भागीदारी देती है या फिर हमे अपना राजनीतिक हक़ लेने के लिए चुनावी संघर्ष करना पड़ेगा।

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