फातिमा गर्ल्स एकेडमी में ऑल इंडिया नातिया मुशायरे का आयोजन
शोरा ने मुल्क में अमन-चैन की दुआ पर पढ़ी कलाम
रांची: फातिमा गर्ल्स एकेडमी रांची इटकी में आज ऑल इंडिया मुशायरा का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता फातिमा गर्ल्स एसेडमी के निदेशक मौलाना नसीम अनवर नदवी ने की और संचालन मौलाना इलियास मजाहिरी और मुजाहिद हसनैन हबीबी ने किया। झारखंड के बाहर इलाकों से आए नामचीन शायरों ने अपने कलाम से श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी।
मुशायरा का शुभारंभ कारी सोहेब अहमद के तिलावत कुरआन पाक से हुआ। शायर दिल खैराबादी ने मौलाना नसीम अनवर नदवी के मिशन को बताते हुए कुछ यूं कहा अपनी नस्लों की तबाही की सबब है मालूम, अब नई नस्लों को नाकारा ना होने देंगे। चल संभल कर ए कलम, यह रास्ता कुछ और है, मिदहते आका में लगजिश(गलती) की सजा कुछ और है।
दूसरे शायर कारी नेसार दानिश ने पढ़ा की इकरा का यह पैगाम ज़माने को सुनाओ, दानिश की सदा(आवाज़) है यह सदा तुम भी लगाओ, बच्चे पढ़ाओ सुनो तुम बच्चे पढ़ाओ। वहीं शायर असअद आज़मी ने पढ़ा की मुस्तफा के दीवाने जिस तरफ निकलते हैं, दुश्मने मोहम्मद के दिल पे तीर चलते हैं। हादसात रहो के हाथ मलते हैं असअद, मां की जब दुआ लेकर घर से हम निकलते हैं।
इस मौके पर शायर कारी जमशेद जौहर, कारी फैसल रहमानी, अकरम नवाज, शमशेर जहां, कारी अब्दुल हसीब, हाफिज जमाल, कारी मुस्लिम, मुमताज आतिफ,शाहनवाज दिल खेराबादी, सूफियान हैदर, कफील उर रहमान, कारी अख्तर नूरी, कौसर कलाम, उजैर आदि शायरों ने अपने अपने कलाम पेश किए।
अपनी अध्यक्षये संबोधन में मौलाना नसीम अनवर नदवी ने शिक्षा के महत्व को बताते हुए कहा की हम आपके बच्चो को शिक्षा के साथ उनके खुशहाल भविष्य के लिए सोचता हूं। हम किसी से पैसा नहीं मांग रहे आप सभी अपने बच्चो को पढ़ाए उसकी भीख मांग रहें। फातिमा गर्ल्स एकेडमी का एक ही उद्देश है, शिक्षा के अलख को जगाना।
वहीं बतौर मुखातिथि शाहीन ग्रुप को प्रतिनिधित्व कर रहे मौलाना मरगूब ने कहा की मदरसा पल्स का प्रोग्राम पंद्रह वर्षों से चल रहा है। हिफ्ज कुरान के बच्चो को हम सिर्फ 18 महीनों में मेट्रिक कराएंगे। एक शिक्षक केवल 6 स्टूडेंट को पढ़ाते है। बिहार जोन में 18 सेंटर है हिफ्ज़ पल्स का जिसमे 5 झारखंड में है। कार्यक्रम आयोजक मौलाना नसीम अनवर नदवी और मौलाना इलियास मजाहिरी ने सभी शायरों को, पत्रकारों को शील्ड देकर, शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया
। विशिष्ट अतिथि ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने भी शिक्षा की जरूरत को बताया। इस शहर में तो ए दिल हर शख्स अजनबी है, हम किसके पास बैठे हम किस्से दिल लगाएं। तो मजमा झूम उठा। इस मौके पर नियाज़ अहमद नदवी दिल्ली, अब्दुल वदूद लखनऊ, अब्दुल मन्नान इस्लाही, नौशाद आलम नदवी, डॉक्टर नेहाल अख्तर, हाफिज फैजान, मो हम्माद, मुस्तफा अंसारी, हाजी शमीम आजाद, मौलाना गुलजार कलकता, हाजी अताउल्लाह, मुफ्ती अब्दुलमाजिद हैदराबाद, मौलाना परवेज सुंदरू, मौलाना शोएब, हाफिज जुबैर, समेत हजारों लोग थे।

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