इंसानियत की सेवा को मिला नया मुकाम : अबु हुरैरह कासमी को मिला अंतरराष्ट्रीय डाक्ट्रेट सम्मान


“ज़रूरतमंदों की मदद करता रहूंगा” – अबु हुरैरह कासमी
हजारीबाग: इंसानियत, शिक्षा और समाजसेवा की राह पर निस्वार्थ भाव से काम करने वाले अल अमीर एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट के संस्थापक एवं चेयरमैन अबु हुरैरह कासमी को एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि हासिल हुई है। उन्हें “इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स समिट 2025” में डाक्ट्रेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। यह भव्य कार्यक्रम दिल्ली के राजेंद्र भवन में आयोजित हुआ, जिसमें भारत समेत कई देशों से आए प्रतिष्ठित समाजसेवियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
सम्मान ग्रहण करते हुए अबु हुरैरह ने कहा, “यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि पूरे झारखंड, खासकर हजारीबाग की जनता और उन सभी लोगों का है जो मेरे साथ इस मिशन में जुड़े हैं। जब तक ज़िंदगी है, मैं ज़रूरतमंदों की सेवा करता रहूंगा।”
अबु हुरैरह का नाम आज केवल एक शख्सियत नहीं, बल्कि एक मिशन और उम्मीद का प्रतीक बन गया है। जब समारोह में उनका नाम पुकारा गया, तो पूरा हॉल तालियों की गूंज से भर उठा। लोगों ने उन्हें उस शख्स के रूप में पहचाना जो वर्षों से शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छ पेयजल, कपड़ा वितरण, भोजन वितरण और त्योहारों में जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
अल अमीर एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट ने अब तक हजारों गरीब, बेसहारा और जरूरतमंद परिवारों की ज़िंदगी को छुआ है। ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे नि:शुल्क शिक्षा केंद्रों, राशन वितरण, स्वास्थ्य जांच शिविर, पानी के टैंकर और त्योहारों पर वस्त्र वितरण जैसे कार्य आज पूरे झारखंड में एक मिसाल बन चुके हैं।
अबु हुरैरह कासमी का यह सम्मान न सिर्फ उनके कार्यों की सराहना है, बल्कि समाज के हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो मानवता के रास्ते पर चलकर बदलाव लाना चाहता है।
