झारखंड सरकार अलापंख्यको के मुद्दे पर गंभीर नहीं: आबिद
मोमिन कांफ्रेंस अन्य दलों से बात कर अपने समर्थन से उम्मीदवार देने का कार्य करेगी: अंसारी
मोमिन कांफ्रेंस से जुड़े अल्पसंख्यक नेताओ को संगठन एवं चुनाव में प्रत्याशी बनाने की मांग
रांची: झारखंड प्रदेश मोमिन कॉन्फ्रेंस के प्रदेश अध्यक्ष आबिद अली अंसारी ने आगामी विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों को आबादी के अनुपात में भागीदारी देने की मांग कांग्रेस झामुमो राजद व अन्य दलों से की है। श्री अली ने कहा के गत विधान सभा चुनाव में मोमिन कॉन्फ्रेंस ने महा गठबंधन को समर्थन किया था लेकिन महा गठबंधन सरकार की उपेक्षा एवं अधिकारियों की अनदेखी के कारण राज्य के अल्पसंख्यक आर्थिक,सामाजिक ,शैक्षणिक और राजनीतिक रूप से काफी पिछड़ गए हैं।
झारखंड राज्य में अल्पसंख्यकों की आबादी 16% से अधिक है लेकिन विधानसभा लोकसभा राज्यसभा में हमारी भागीदारी बहुत कम है या नगरण है। कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा ,राजद में मोमिन कॉन्फ्रेंस से जुड़े अल्पसंख्यक नेताओं को संगठन एवं चुनाव में उचित भागीदारी दें। मोमिन कॉन्फ्रेंस ने राज्य के 15 विधानसभा सीटों को चिन्हित किया है जहां हम चुनाव जीतने की स्थिति में है या हमारी मजबूत स्थिति है।
मोमिन कॉन्फ्रेंस के प्रदेश अध्यक्ष आबिद अली अंसारी ने कहा कि झामुमो कांग्रेस राजदव अन्य दलों से राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु बातचीत हो रही है अगर आगामी विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों को महा गठबंधन के दलों के द्वारा उचित भागीदारी नहीं मिलती है तो मोमिन कॉन्फ्रेंस अन्य दलों से बातचीत कर अपने समर्थन से उम्मीदवार उतारने का काम करेगी। श्री अली ने कहा कि वर्तमान महागठबंधन सरकार ने कई सराहनीय काम किए हैं लेकिन अल्पसंख्यक के मुद्दे पर गंभीर नहीं है उन्होंने कहा कि राज्य में मदरसा शिक्षा बोर्ड , उर्दू अकादमी, अल्पसंख्यक वित्त व विकास निगम सहित कई बोर्ड निगम समिति का गठन अब तक नहीं किया गया है। 15 सूत्री कार्यक्रम का क्रियान्वयन नहीं हो रहा है।
अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था वह मदरसा से संबंधित अब तक नियमावली नहीं बनाई गई है जिसके कारण जैक के अध्यक्ष व सचिव के द्वारा अल्पसंख्यक संस्थाओं से विषय भेदभाव किया जा रहा है तथा अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों में मदरसा सहित शसी निकाय का गठन किया जा रहा है जो चिंता का विषय है।