एपीसीआर की कोशिशों से 10 जून के घटना के 7 लोगों की जमानत मंजूर
रांची-बीजेपी के पूर्व नेता नूपुर शर्मा के राष्ट्रीय टेलीविजन पर पैगंबर मुहम्मद साहब पर दिए अशोभनीय बयान के विरोध में देश के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन हुए थें। इसी कड़ी में 10 जून 2022 को रांची में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा भड़क गई थी, जिसमे कथित पुलिस फायरिंग में 2 लोगों की मौत और 8-10 लोगों को गोली लगी थी। इस घटना में 30 से 35 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। और 10 हजार अज्ञात लोगों पर कैसे दर्ज किया गया था इस केस में APCR 18 गिरफ्तार लोगों का झारखंड हाई कोर्ट से बल कराया गया है
झारखंड पुलिस ने डेलीमार्केट थाना में FIR संख्या 16/2022 में 147, 148, 149, 341, 353, 295A, 153A, 504, और 120B भारतीय दंड सहिंता की संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (एपीसीआर) इन सभी और अन्य प्रदर्शनकारियों के मुकदमों की मुफ्त कानूनी पैरवी कर रही हैः
आज दिनांक 19 सितंबर 2024 को केस नंबर A. B. A – 5990/24 में एपीसीआर झारखंड चैप्टर के अध्यक्ष एडवोकेट मुख्तार खान और अधिवक्ता तलत परवीन को सुनने के बाद जस्टिस राजेश शंकर माननीय झारखंड हाई कोर्ट ने सात लोगों का मोहम्मद शादाब आलम, फहीम खान, शाहनवाज आलम, हैदर अली, अबू अजीमुसशान, मोहम्मद नियाज और साजर खान की जमानत अर्ज़ी मंजूर कर दी है
एपीसीआर झारखंड के राज्य सचिव जियाउल्लाह ने कहा- एपीसीआर बेकसूर, कमज़ोर और मज़लूमो को इंसाफ दिलाने की अपनी कोशिशें जारी रखेगीः
एपीसीआर के महासचिव, नदीम खान
ने कहा, “एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (APCR) मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने की अपनी विरासत को जारी रखेगा, ताकि कानून का शासन बना रहे। हम आशा करते हैं कि भारत में विभिन्न न्यायालयों में लंबित सैकड़ों अन्य मामलों में मौलिक अधिकारों को इसी तरह सुनिश्चित कराया जाएगा।
दोषी साबित होने तक प्रत्येक आरोपी व्यक्ति निर्दोष होता हैः
एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (APCR) का दृढ़ विश्वास है कि, दोषी साबित होने तक प्रत्येक आरोपी व्यक्ति निर्दोष होता है और “जमानत एक नियम है, जेल एक अपवाद है,” जैसा कि भारत की सर्वोच्च न्यायालय अपने ऐतिहासिक फैसले राजस्थान बनाम बालचंद उर्फ बलिया में भी कह चुकी है।