ईद मिलाद-उन-नवी की मुबारकबाद जश्न-ए-सीरत-उन-नबी 2024
ईद मीलादुन्नबी की खुशयां मनाना अल्लाह का हुक्म हैऔर हमारे नबी सल्ललाहू अलैहे वसल्लम की सुन्नत है
ईद मिलाद-उन-नवी का आयोजन बरियातू में
ईद मिलाद-उन-नबी की फजीलत और हुजूर की अहमियत हमारे लिए अहम है : आफताब आलम
11 सितम्बर 2024 से 15 सितम्बर 2024 तक बाद नमाज ईशा मस्जिदे आलाहजरत अशरफी में पांचरोजा अज़ीमोशान जलसे का इनअकाद किया गया।
ईद मिलादुन्नबी के मौके में पर पांच दिवसीय जिक्र नबी का आयोजन मस्जिदे आला हजरत अशरफी सत्तार कालोनी बरियातु रांची झारखंड में किया गया। मिल्लते इस्लामिया बरियातु के लोग ईद मिलादुन्नबी के जलसे में शामिल हुए। इस कांफ्रेंस में कई शहरों से आए उल्लेमा ए किराम ने अपनी अपनी तकरीर मैं ईद मिलादुन्नबी की फजीलत को बताया। कमीटी के अध्यक्ष मो. शाहनवाज़ अहमद ने बताया की पहली बार हुए इस कांफ्रेंस में हजरत अलामा मौलाना सैयद जलालुदीन अशरफ अशरफी अल जिलानी के साथ ही साथ मस्जिदे आलाहजरत अशरफी के खतीबोईमाम हज़रत मुफ्ती शादाब अख्तर मरकजी, हजरत मुफ्ती शाहिद रजा मरकजी, नाएब ईमाम हाफिज सलमान रज़ा वगैरह शामिल हुए। आए हुए अतिथियों का स्वागत मस्जिद आला हजरत के सचिव मो आफताब आलम ने किया। आफताब आलम ने बताया कि बुधवार 11 सितम्बर 2024 को कुरानख्वानी के बाद फातिहा, मिलाद, सलातो सलाम का आगाज हुआ और फिर प्रोग्राम कुछ इस तरह चला।
पहला खिताब दिनांक 11 सितम्बर 2024 बरोज बुधवार
सैयद जलालुदीन अशरफ अशरफी (ईद मिलादुन्नबी की अजमत और हुजूर की अहमियत)
दूसरा खिताब दिनांक 12 सितम्बर 2024 बरोज जुमेरात
मुफ्ती शादाब अख्तर मरकजी
(मक्की जिदंगी के ईमानअफरोज वाक्यात)
तीसरा खिताब दिनांक 13 सितम्बर 2024 बरोज जूमा
मुफ्ती शाहिद रजा मरकजी
(ईद मिलादुन्नबी कूरान व हदीश की रौशनी में)
चौथा खिताब दिनांक 14 सितम्बर 2024 बरोज सनिचर
मुफ्ती शादाब अख्तर मरकज़ी
(विलादत बा सआदत का जिक्र)
पांचवां खिताब दिनांक 15 सितम्बर 2024 बरोज एतवार
मुफ्ती शादाब अख्तर मरकज़ी
(हिजरत से मदीना मनौवरा में जलवागिरी)
और फिर 16 सितंबर को उम्मते मुस्लिमा में भाईचारगी / एत्तिहाद और भारत के अमन व सूकून लिए दुआ की गई । मस्जिदे आलाहज़रत अशरफी के सिक्रेट्री मो, आफताब आलम ने बताया के प्रोग्राम के बाद शीरनी का भी इन्तज़ाम किया गया था जिसमें मस्जिदे आला हज़रत अशरफी के मुसल्लियान, मकतबे ख्वाजा गरीब नवाज़ के छात्र और फैज़ाने गौसुलवरा कमीटी के तमाम ओहदेदारान और मेम्बरान कसीर तादाद में शामिल रहे।
सचिव आफताब आलम ने कहा की ईद मिलादुन्नबी की अहमियत हम सभी को समझनी चाहिए और लोगो को बताने की जरूरत है। साथ ही साथ सचिव आफताब आलम ने जुलूसे मुहम्मदी के चंद अहतियाती बेहतरीन तदाबीर भी दिए जिसमें बताया कि
साफ सुथरा लिबास पहनें।
जाइज़ खुशबू इस्तेमाल करें।
सर पर टोपी या अमामा पहनें।
दुरूद व नात शरीफ और सलातो सलाम का विर्द करते रहें।
डी. जे व दूसरी गैर शरई चिज़ों से मुकम्मल परहेज़ करें।
नात शरीफ बजाऐं या माईक मे पढ़ें।
म्यूिज़िक वाली नात ना बजाऐं।
- किसी भी किस्म का भड़काउ नारा ना लगाऐं।
जुलूस के दौरान माईक किसी ना समझ के हाथ मे ना दें।
आतिशबाजी करना हराम है इस्से परहेज़ करें।
- जुलूस कमेटी के अराकीन या जुलूस निकालने वाले तमाम जिम्मेदार अहतियाती तदाबीर जुलूस से पहले ही तय करलें और इन पर सख्ती से अमल पैरा हों।
- झंडे या कोई चिज़ ईतनी लंबी ना करें के रास्ते मे मौजूद बिजली के तार से टकराने का खतरा पैदा ना हो जाए।
- गुंबदे खिज़रा, अरबी बैनर, झंडे इनकी तौहीन से बचें।
कम ईल्म हज़रात अगर गैर शरई काम अनजाम दें तो ज़िम्मेदार हज़रात उन्हें रोकें वरना आप भी गुनहगार होंगे