हाजी एहसान अंसारी लोगों के दुःख में हमेशा मरहम बनने का काम किये :डॉ. शाहीन कौशर
फ्लोरेंस कॉलेज ऑफ नर्सिंग हाजी एहसान अंसारी की बड़ी उपलब्धि
ओरमांझी (मोहसीन):कई लोग छोटी-छोटी बात पर हार मान बैठते हैं. भाग्य को कोसने लगते हैं.कुछ लोगों में तो हर बात पर हाय-हाय करने की आदत पाई जाती है. ऐसे लोगों को राई भर कष्ट हो तो उसका पहाड़ बनाकर लोगों के पास पेश कर देते हैं और कुछ लोग होते हैं जो पहाड़ सामान समस्या को भी राई मानकर मंजिल की ओर बढ़ चलते हैं.एक ऐसे ही महान व्यक्ति थे हाजी एहसान अंसारी, जिन्होंने गरीब घराने में पैदा होकर तरह-तरह की मुसीबतें झेलते हुए इस मुकाम तक पहुंच गए के झारखंड ही नहीं अन्य राज्यों के लोग उन्हें जानने लगे थे, रांची क्षेत्र के लोग तो उनके एक दीदार के लिए तालाहित रहते थे, भले ही वह आज इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्यों नहीं बुलाया जा सकता है, उन्होंने समाजिक,शैक्षणिक व चिकित्सा के क्षेत्र में सराहनीय योगदान दिया है, उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि चिकित्सा के क्षेत्र में नर्सिंग कॉलेज का स्थापना था, उन्होंने फ्लोरेंस कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग के नाम से नर्सिंग कॉलेज खोला जिसके चलते रांची ही नहीं झारखंड सहित अन्य राज्यों के अस्पतालों में नसों की कमी को पूरा किया गया, हाजी एहसान अंसारी एक पल के लिए भी नकारात्मक नहीं सोचते थे सदा लोगों की भलाई के लिए जीवन समर्पित कर दिए, उनका जीवन संघर्षों से भरा था,उन्होंने हाजी अब्दुर्रेंज्जाक अंसारी के नक्शे कदम पर चलकर दिखा दिया कि गरीबो का भला कैसे किया जाता है, उनके कार्यों से लोग काफी प्रभावित होते थे,उनके सामाजिक शैक्षणिक कार्यों से प्रभावित होकर उन्हें अनेकों पदों से नवाजा गया था, लाखों दिलों में राज करने वाले हाजी एहसान अंसारी भले इस दुनिया को अलविदा कह कर चले गए,मगर आज भी उनकी पत्नी जिनत कौशर, बड़ी बेटी डॉक्टर नाजनीन कौशर, छोटी बेटी डॉक्टर शाहीन कौशर हाजी एहसान अंसारी के उधूरे सपनों को पूरा करने में लगे हैं, वहीं हाजी साहब के बेटे शादाब अहमद डॉक्टर की पढ़ाई के लिए झारखंड से बाहर गए हुए हैं,उनकी कमी हमेशा महसूस की जाती रहेगी