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इक्फ़ाई विश्वविद्यालय झारखंड में “सद्भाव के माध्यम से उत्कृष्टता को सशक्त बनाना: कार्य में प्रेम और स्वतंत्रता” पर कार्यशाला का शुभारंभ

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विशेष संवाददाता
रांची। सद्भाव के माध्यम से उत्कृष्टता को सशक्त बनाना: कार्य में प्रेम और स्वतंत्रता” पर कार्यशाला का उद्घाटन इक्फ़ाई विश्वविद्यालय झारखंड में किया गया, जिसमें प्रतिभागियों को मानव के रूप में सद्भाव बनाने और बनाए रखने के लिए आवश्यक कौशल और अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण किया गया।


कुलपति प्रो. (डॉ.) रमन कुमार झा ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य व्यक्तियों को सकारात्मक और सामंजस्यपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक उपकरण और रणनीतियाँ प्रदान करना है। डीन (छात्र कल्याण) डॉ.एस चौधरी ने बताया कि यह कार्यशाला एनईपी 2020 के पांच मार्गदर्शक स्तंभों- पहुंच, समानता, गुणवत्ता, सामर्थ्य और जवाबदेही को ध्यान में रखते हुए डिजाइन की गई है। अतिथि वक्ता संजय कुमार सिंह, लीड कंसल्टेंट और डायमेंशन एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली के संस्थापक निदेशक ने कहा कि गहन बातचीत में शामिल होकर – ऐसी बातचीत जो सीमाओं को आगे बढ़ाती है, जिज्ञासा जगाती है और समझ को बढ़ावा देती है – हम अधिक प्रभावशीलता के लिए अपनी जन्मजात क्षमता का लाभ उठा सकते हैं। ये बातचीत न केवल हमारे भीतर बल्कि हमारे रिश्तों, कार्यस्थलों और समुदायों में भी परिवर्तनकारी परिवर्तन को खोलने की कुंजी रखती है।

मानव होना जो है वह किसी भी तरह से आविष्कार के लिए खुला है। कार्यशाला के लिए डायमेंशन एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है।
प्रतिभागियों में देश भर के शिक्षाविद् शामिल थे। रजिस्ट्रार प्रो. (डॉ.) जेबी पटनायक और डीन (अकादमिक) प्रो. अरविंद कुमार ने कहा कि ऐसी कार्यशालाएं समय की मांग हैं और उन्होंने कार्यशाला के अतिथियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं दीं।

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