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महामारी में अंजुमन इस्लामिया अस्पताल गरीबों के लिए वरदान बना

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रांची : गरीब होना अपने आप में एक बड़ा अभिशाप है, गरीबी और बीमारी का चोली दामन का साथ है, अगर आप गरीब है ऊपर से बीमारियां घर कर जाय तो मानों इंसान टूट सा जाता है। गरीबी में दो वक्त की रोटी मिल पाना बेहद मुश्किल होता है और ऊपर से बीमारी पूरे परिवार को और लाचार बना देती है।ऐसे में राजधानी रांची के कोनका रोड पर स्थित अंजुमन इस्लामिया अस्पताल गरीब मरीजों के लिये वरदान साबित हो रहा है। अंजुमन इस्लामिया अस्पताल लगातार सुविधाओं से लैस हो रहा है। जिसका सीधा फ़ायदा ग़रीब आवाम तक पहुंच रहा है। अंजुमन इस्लामिया अस्पताल के कन्वीनर अयुब राजा खान ने कहा कि हमारी टीम पूरी ईमानदारी से काम करती है और काम करने पर विश्वास रखती है। जब कोई अच्छा काम होगा वहां यक़ीनीतौर पर अल्लाह की मदद होगी।इस वक्त राजधानी रांची समेत पूरे झारखंड में डेंगू, टाइफाइड, मलेरिया की वबा फैली हुई है। कोई घर इस बीमारी से बचा नहीं है। हर कोई इसके चपेट में आ गया है। शहर में ज्यादातर अस्पतालों की हालत दयनीय है। मरीज से बेड भरा हुआ है।

वहीं अंजुमन इस्लामिया अस्पताल अंधेरे में रौशनी की उम्मीद बनकर जगमगा रही है और अपनी रौशनी फैला रही है। जी हां अंजुमन इस्लामिया अस्पताल में मरीजो का देखभाल उनके घर के जैसा माहौल में हो रहा है। अस्पताल के कन्वीनर अयूब राजा खान ने यह आदेश जारी कर दिया है की अंजुमन इस्लामिया अस्पताल में कोई भी मरीज बगैर दिखाए हुए वापस न जाए। हर समय मॉनिटरिंग करते हैं।

अयूब राजा खान ने बताया के अंजुमन इस्लामिया अस्पताल में तैनात डॉक्टर, नर्स, स्टाफ सारे लोग बेहतर कार्य कर रहे हैं। हम अपने सभी लोगों का शुक्रिया अदा करते हैं। क्योंकि जिस डॉक्टर जिस नर्स का ड्यूटी ऑफ हो जाता है उसके बाद भी वह ड्यूटी कर रहे हैं और यह कहते हैं की सर आप परेशान ना हो। यहां जो भी मरीज आए हैं उसे हम अपने फैमिली समझ कर बेहतर से बेहतर इलाज करते और सेवा कर रहे हैं। अंजुमन इस्लामिया अस्पताल हर विपदा की घड़ी में खड़ी नजर आई है चाहे वह चिकनगुनिया की महामारी हो या कोरोना काल हो।

अस्पताल में भर्ती दर्जनों मरीजों ने कहा की अय्यूब राजा खान के कनवीनर शिप में अस्पताल और बेहतर कर रही है। यहां के स्टाफ, अस्पताल के कर्मी सभी लोग बहुत अच्छे है। इन सबका व्यवहार अच्छा है। एक ने तो कहा की मेरी अम्मी का ज्यादा तबीयत खराब था। हम टंडवा गांव के रहने वाले हैं सर, पैसा भी नहीं है मेरे पास। लेकिन मेरे एक जानने वाले ने बताया कि अंजुमन चले जाओ। यहां आने पर मेरे परेशानी सुन कर एक व्यक्ति ने बताया कि तुम अय्यूब राजा खान या महासचिव डॉक्टर तारिक से मिलो। हम मिले आज मेरी मां का इलाज हो रहा है। वहीं एक दूसरे व्यक्ति जिसने अपना नाम अरुण कुमार बताया, उसने कहा कि मेरी बीवी का इलाज अंजुमन अस्पताल में चल रहा है। हम सिर्फ इतना कहेंगे कि कम खर्च पर अस्पताल बहुत अच्छा सेवा दे रहा है। इस तरह और कई लोग ने बताया कि अंजुमन अस्पताल पहले से और बेहतर कर रहा है।

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