राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर जी एम मॉडर्न पब्लिक स्कूल में छात्रों व नवचयनित शिक्षकों का अभिनंदन


मौलाना आजाद सच्चे देशभक्त, समाज सुधारक और राष्ट्र निर्माता थे: प्रोफेसर नसीम
पीठोरिया/ रांची: मौलाना जौहर अली हेल्थ एंड एजुकेशन फाउंडेशन (मज़ाहेफ), ऑल इंडिया आइडियल टीचर्स एसोसिएशन (आईटा) व अंजुमन फ़रोग उर्दू झारखंड के संयुक्त तत्वावधान पिठौरिया के मदनपुर ओखरगढ़ा स्थित जी एम मॉडर्न पब्लिक स्कूल में मंगलवार को देश के पहले शिक्षा मंत्री और स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद की याद में शिक्षा दिवस मनाया गया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रोफेसर नसीम अहमद ने अपने संबोधन में कहा मौलाना आजाद न सिर्फ एक सच्चे देशभक्त बल्कि समाज सुधारक और राष्ट्र निर्माता भी थे। उन्होंने हमेशा ही देशहित को व्यक्तिगत हित से ऊपर रखा। वह हिन्दू मुस्लिम एकता के सबसे बड़े समर्थक थे। इस से पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ स्कूल के छात्र द्वारा पवित्र कुरआन के पाठ के साथ किया गया। कार्यक्रम में प्रोफेसर सुखी उरांव ने कहा कि आज भी मौलाना आज़ाद के आदर्शों पर चल कर हम जीवन में बड़ी से बड़ी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। प्रोफेसर खालिक अहमद ने कहा कि मौलाना आजाद की जीवनी का अध्ययन सभी युवा पीढ़ी को करने की आवश्यकता है,

मौलाना आजाद एक निडर पत्रकार भी थे, जिनकी लेखनी से ब्रिटिश हुकूमत कांपने लगी थी, जो नई पीढ़ी पत्रकारिता के मैदान में अपना कैरियर बनाना चाहती है उनके लिए भी मौलाना के जीवन में एक आदर्श नमूना मौजूद है। ज्ञातव्य हो कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी जी एम मॉडर्न स्कूल में आज़ाद सप्ताह का आयोजन किया गया था। इस दौरान छात्रों के बीच भाषण, निबंध लेखन, चित्रांकन और क्विज़ प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया गया। आज के समारोह में सभी प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र एवं छात्राओं को प्रमाण पत्र, मेडल और कॉपी कलम देकर सम्मानित किया गया।

इसके साथ ही सहायक आचार्य के लिए चयनित 5 पांच भावी शिक्षकों रोकैया रहमान, राबिया बसरी, अदनान नवाज़ व आफताब आलम को भी संस्थान की ओर से शॉल ओढ़ा कर और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सेवा निवृत शिक्षक साजिद आलम, मोहम्मद कलीमुद्दीन, एडवोकेट मिन्हाज अंसारी, स्कूल के प्राचार्य नकीब अहमद, इंशा हसन, हनी हसन, शाहीन परवीन, इस्माईल अंसारी, रुही परवीन, अतिया परवीन के अतिरिक्त सैकड़ों की संख्या में छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थीं।








