इमारत-ए-शरिया झारखण्ड का मुशवरती इजलास का आयोजन


प्राथमिकता के आधार पर हर समस्या का समाधान किया जाएगा: अमीर ए शरीयत
रांची: इमारत शरिया का गठन 1921 में किया गया था। समय की जरूरत के हिसाब से इमारत ए शरिया झारखंड को बनाया गया है। क्योंकि झारखण्ड अपने मसाइल को अब स्वयं हल करने की स्थिति मे है। क्योंकि राजनीतिक और झारखंड के हर तरह के समस्या पर आसानी से काम किया जा सकेगा। उक्त बातें इमारत शरिया झारखंड के अमीर ए शरीयत हजरत मुफ्ती नज़र तौहीद ने कहीं। वह गुरुवार 9 सितंबर 2025 को धनबाद गोविंदपुर में इमारत शरिया झारखंड के मुशावरती इजलास को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें किसी से कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर हर समस्या का समाधान किया जाएगा।

आप सबका सहयोग चाहिए। आप सबका सहयोग मिला तो इमारत शरिया झारखंड बेहतर कार्य करेगी। इज़लास की शुरुआत कारी निशात आलम के तिलावते कुरान-ए-पाक से हुआ। कारी तौसीफ़ अख्तर और कारी शोएब अख्तर ने नात पाक पढ़ी। कार्यक्रम की अध्यक्षता इमारत शरिया झारखंड के अमीर ए शरीयत हजरत मुफ्ती नज़रे तौहीद ने की। और संचालन मौलाना इरशाद कासमी, मौलाना कफील कासमी ने किया। हजरत मौलाना नसीम अनवर नदवी ने अपने संबोधन में कहा की झारखंड के मुसलमानों के दर्द को लेकर पूरे झारखंड के हर जिले से उलेमा और बुद्धिजीवी लोग यहां जमा हुए हैं।

अल्लाह ने इंसान को समझदारी दी है। जितनी समझदारी है उसकी उतना ही जिम्मेदारी है। इमारत शरिया झारखंड को मिलकर मजबूत करना है। वहीं मौलाना इनायत करीम ने कहा कि आज तक इमारत ए शरिया बिहार ने झारखंड के लिए कुछ नहीं किय। अब इमारत ए शरिया झारखंड पूरे झारखंड में काम करेगी और उसके समस्या को दूर करने की कोशिश करेगी। शिक्षा बेदारी के कार्यक्रम के तहत बुनियादी शिक्षा पर काम करेगी। इमारत ए शरिया झारखंड के द्वारा अच्छे डॉक्टर को ₹200 फीस पर बैठाया जाएगा।

समाजी जागरूकता लाने का काम इमारत ए शरिया झारखंड करेगी। शरई पंचायत, और दारुल कज़ा बनाया जाएगा। वहीं मुफ्ती शोएब कासमी ने कहा कि कामयाबी तो काम से होगी, न कि हुस्न कलाम से होगी। वहीं मौलाना इलियास मजाहिरी ने कहा इमारत शरिया में कोई लड़ाई नहीं है। वो इमारत शरिया बिहार है हम इमारत शरिया झारखंड हैं। और इमारत शरिया झारखंड पूरी तरह से मजबूत है, क्योंकि यहां आप सब हैं। मुफ्ती मुजाहिद ने रिपोर्ट पेश की।आए हुए तमाम लोगों का स्वागत धनबाद के उलेमा ने किया।

इस मौके पर पर मौलाना नसीम अनवर नदवी, मौलाना मंजूर कासमी, मौलाना इलियास मजाहिरी, मुफ्ती शोएब कासमी चतरा, मुफ्ती वसी, मुफ्ती युनुस हजारीबाग, मुफ्ती सिद्दीक, मौलाना कमरुद्दीन, मौलाना महबूब, मौलाना सलीम, मौलाना कलीमुद्दीन जामताड़ा, कारी तौहीद, मौलाना ओबैदुल्लाह, मौलाना खालिक, मौलाना इफ्तेखार, मुफ्ती गुलाम रसूल, मौलाना मनव्वर बोकारो, मुफ्ती गयासुद्दीन गोमो, समेत सैंकड़ों उलेमा, विभिन्न जिला से उलेमा शामिल थे।

