मुस्लिम समाज के उलेमा और दानीश्वरों का नेमरा में ताजियत और ख़राजे अकीदत


जेएमएम नेता जुनैद अनवर के नेतृत्व में गुरुजी को किया गया याद
मुस्लिम समाज के ओलमा और दानिश्वरों के इस प्रतिनिधि मंडल ने नेमरा में जनाब शिबू सोरेन के इंतकाल पर गहरा रंजो ग़म ज़ाहिर किया। इस वफ़्द में शामिल मशहूर ओलमा, समाजी रेहनुमा, और बुद्धिजीवियों ने दिशोम गुरु की ज़िंदगी और उनके कारनामों को याद करते हुए कहा कि शिबू सोरेन ने न केवल आदिवासी समाज की हिफाज़त और तरक्की के लिए जिंदगी भर जद्दोजहद की, बल्कि हर मज़लूम और कमज़ोर तबके की आवाज़ को बुलंद करने में भी अहम किरदार अदा किया।

वफ़्द ने झारखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और इस मुश्किल घड़ी में उनके साथ पूरी हमदर्दी और एकजेहती का इज़हार किया। प्रतिनिधि मंडल के एक रुक्न ने कहा,
“दिशोम गुरु शिबू सोरेन साहब ने झारखंड की तामीर में जो बुनियादी किरदार अदा किया, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनकी जिंदगी एक मिसाल थी, जिसने समाज के हर तबके को जोड़ा। चाहे आदिवासी हों, मुसलमान हों, या कोई और समुदाय, गुरुजी ने सबके हक़ के लिए आवाज़ उठाई। आज हम उनके इंतकाल पर गहरा दुख ज़ाहिर करते हैं और झारखंड के मुस्लिम समाज की तरफ से उनके खानदान के साथ पूरी हमदर्दी का इज़हार करते हैं।”
ओलमा की दुआएं और हमदर्दी
इस मौके पर ओलमाओं ने खास तौर पर दुआएं मांगीं कि अल्लाह तआला इस ग़मज़दा माहौल में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके पूरे खानदान को सब्रे जमींल अता फरमाए। उन्होंने कहा,
“या अल्लाह! इस दुख की घड़ी में तू हेमंत सोरेन साहब और उनके खानदान को हिम्मत और सब्र अता कर। और उनके नेक कारनामों को कबूल कर।”
वफ़्द ने यह भी ज़ाहिर किया कि झारखंड का मुस्लिम समाज इस मुश्किल वक्त में हेमंत सोरेन और उनके खानदान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। ओलमाओं ने गुरुजी के उसूलों और उनकी जिंदगी के जज़्बे को ज़िंदा रखने का अहद लिया और कहा कि उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए समाज के हर तबके को मिलकर काम करना होगा।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जुनैद अनवर ने किया वहीं इस टीम में मुफ्ती शाहबाज, मौलाना जियाउल्लाह साहब , कारी मुहम्मद अली , मौलाना जुबैर , मौलाना अब्दुल वाजिद चतुर्वेदी , मौलाना रिजवान दानिश , हाफिज आरिफ हुसैन , हाफिज डा दानिश अयाज़, डा० तारिक हुसैन (महासचिव अंजुमन इस्लामिया) मौजूद रहे
