झारखंड में बांग्ला को द्वितीय राजभाषा का दर्जा मिले : तुषार कांति शीट


झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति द्वारा कानूनी और लोकतांत्रिक लड़ाई का निर्णय स्वागत योग्य
विशेष संवाददाता
रांची। श्रीरामकृष्ण सेवा संघ के सहायक सचिव और शहर के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता तुषार कांति शीट ने झारखंड में बांग्ला को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिलाने की झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति द्वारा की गई पहल की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि राज्य के सभी जिलों के स्कूलों में बांग्ला भाषा में पठन-पाठन को लागू करवाने के लिए झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति के राज्यव्यापी सम्मेलन में निर्णय लिया जाना स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार की ओर से क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं को शिक्षा में लागू करने की चुनावी घोषणा की गई थी। इस पर राज्य सरकार अमल करे।
श्री शीट ने कहा कि बांग्ला को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिलाने के लिए कानूनी और लोकतांत्रिक लड़ाई को तेज करने की जरूरत है। झारखंड में बांग्ला भाषा और संस्कृति के संरक्षण-संवर्द्धन के लिए बांग्ला भाषियों को एकजुट होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि झारखंड में लगभग 42 प्रतिशत बांग्ला भाषी हैं, इसके बावजूद स्कूलों में बांग्ला भाषा में पठन-पाठन की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है।
यह राज्य सरकार की लापरवाही दर्शाता है। बांग्ला भाषा को उपेक्षित रखने का भी यह एक षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य गठन के बाद से ही यहां की राज्य सरकारों द्वारा बांग्ला भाषा और संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन के प्रति उदासीनता बरती जा रही है। यह राज्य के लगभग एक करोड़ तीस लाख बांग्ला भाषियों की भावनाओं का अपमान है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की जानी चाहिए। उन्होंने राज्य के बांग्ला भाषियों को एक मंच पर आने और अपनी मातृभाषा को समुचित सम्मान दिलाने की दिशा में आगे आने का आह्वान किया।
