मजदूरों के मसीहा ददई दुबे का अकस्मात निधन कांग्रेस पार्टी और मजदूर आंदोलन के लिए अपूरणीय क्षति: सुबोधकांत सहाय


रांची। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व बिहार-झारखंड के पूर्व विधायक और मजदूर आंदोलन के अग्रणी नेता रहे ददई दुबे उर्फ चंद्रशेखर दुबे के असामयिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

श्री सहाय ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि स्व.दुबे ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एकीकृत बिहार के समय पलामू प्रमंडल से एक मजदूर नेता के रूप में की थी। वह अपनी बहुमुखी प्रतिभा के बलबूते मजदूरों के बीच काफी कम समय में विशिष्ट पहचान स्थापित करने में सफल रहे। वह जीवन पर्यंत मजदूर हितों के संरक्षण के प्रति समर्पित रहे। कांग्रेस पार्टी के मजदूर संगठन इंटक के नेता के तौर पर उन्होंने मजदूरों के राष्ट्रव्यापी आंदोलन का कई अवसरों पर नेतृत्व किया और मजदूरों के हक और अधिकारों को दिलाने में सफल रहे। श्री सहाय ने कहा कि काफी समय तक स्वर्गीय दुबे के साथ उन्हें भी पार्टी और मजदूर हित में काम करने का अवसर मिला। एक जनप्रतिनिधि के रूप में भी स्वर्गीय दुबे की एक अलग पहचान थी। जनहित के मुद्दों को लेकर विधानसभा में मुखर होकर जनता की आवाज को बुलंद करने की उनकी शैली अद्भुत थी। श्री सहाय ने कहा कि स्वर्गीय दुबे मजदूरों के मसीहा कहे जाते थे। उनके राजनीतिक जीवन का कार्यकाल सदैव जनहित और मजदूर हित के प्रति समर्पित रहा। उनका अकस्मात निधन कांग्रेस पार्टी और मजदूर संगठनों के लिए अपूरणीय क्षति है। श्री सहाय ने दिवंगत की आत्मा की शांति और उनके परिजनों को संबल प्रदान करने की ईश्वर से कामना की।
