थाइलैंड के मत्स्य विशेषज्ञों का दल दो दिवसीय दौरे पर रांची स्थित मत्स्य निदेशालय पहुंचा
उन्नत मत्स्य बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर बल
*झारखंड के मत्स्य कृषक होंगे लाभान्वित: डॉ.एचएन द्विवेदी
रांची। झारखंड में उन्नत मत्स्य बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने और तिलपिया मछली के जेनेटिकली इम्प्रूव्ड प्रजाति के मत्स्य बीज उत्पादन के लिए थाइलैंड के मत्स्य विशेषज्ञों का एक दल झारखंड के दौरे पर शुक्रवार को रांची स्थित मत्स्य निदेशालय पहुंचा। टीम का नेतृत्व प्रचाया नवात्रिलैप (सीईओ) कर रहे हैं।
शालीमार, धुर्वा स्थित मत्स्य किसान प्रशिक्षण केंद्र में मत्स्य विभाग के निदेशक डॉ. एचएन द्विवेदी ने सभी विशेषज्ञों का स्वागत किया।
इस संबंध में कृषि,पशुपालन व सहकारिता विभाग के विशेष सचिव प्रदीप हजारी ने बताया कि सरकार की ओर से प्रसंस्कृत (प्रोसेस्ड) मत्स्य बीज की अति आवश्यकता है। झारखंड के जलाशयों में करीब छह हजार केज में मत्स्य बीज के संचयन करने के लिए इम्प्रूव प्रजाति के बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु तथा यहां की जलवायु में बीज संवर्धन के अध्ययन के लिए थाईलैंड से विशेषज्ञों का दल रांची आया है।
इस टीम के साथ प्रगतिशील आरएएस मत्स्य पालक निशांत कुमार व मो.अखलाकुर वरिष्ठ वैज्ञानिक, केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान (सीआईएफई) मुम्बई भी उपस्थित थे। टीम ने विभिन्न जिलों से आए जिला मत्स्य पदाधिकारियों के बीच तिलापिया बीज उत्पादन के बारे में प्रस्तुति भी दी।
थाईलैंड के विशेषज्ञों में जीएम थिप्परपा महासाकसिरी, प्रोजेक्ट मैनेजर योथिन सुकावत, प्रोडक्शन मैनेजर सरान्यू थेडसर्न शामिल थे। उक्त जानकारी मत्स्य निदेशालय के मुख्य अनुदेशक प्रशांत कुमार दीपक ने दी।