डीके सिन्हा लिखित पुस्तक “पर्सपेक्टिव इन फिक्सनल क्रिटिसिज्म विथ स्पेशल रेफरेंस टू ईएम फोर्सटर एंड एडविन मुइर” का विमोचन
पुस्तकें पढ़ने की अभिरुचि जगाना सराहनीय: सुबोधकांत सहाय, विद्या दान और ज्ञानार्जन स्वस्थ समाज के निर्माण में सहायक : प्रो.(डॉ.) सुरेश प्रसाद सिंह
रांची। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि वर्तमान समय में विशेषकर युवाओं के बीच पुस्तक पढ़ने की अवरुचि जगाने का प्रयास अत्यंत सराहनीय है। अच्छी पुस्तकें स्वस्थ, समृद्ध और शिक्षित समाज के निर्माण में काफी सहायक है।
पुस्तकें हमारे जीवन की पथ प्रदर्शक भी होती हैं। श्री सहाय ने रविवार को एचईसी परिसर स्थित अपने आवास (ई-39 सेक्टर तीन, धुर्वा) में प्रख्यात शिक्षाविद् व एचडी जैन कालेज,आरा, (बिहार) के अंग्रेजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो.धीरेन्द्र कुमार सिन्हा द्वारा लिखित व वैल्यू पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक के विमोचन किया। उन्होंने कहा कि अच्छी पुस्तकें सच्चे दोस्त की तरह होते हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान बांटने और ज्ञानार्जन करने से सामाजिक सशक्तिकरण को बल मिलता है। वर्तमान परिस्थितियों में युवाओं की मानसिकता को देखते हुए प्रो.सिन्हा द्वारा ऐसी पुस्तकें लिखना सराहनीय है।
इस अवसर पर जाने-माने शिक्षाविद और वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा (बिहार) के पूर्व वाइस चांसलर डॉ.सुरेश प्रसाद सिंह ने कहा कि युवा मानस के सशक्तिकरण के लिए समर्पित उक्त पुस्तक का विमोचन किया जाना स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में मानवीय मूल्यों को बखूबी दर्शाया गया है।
प्रो.सिन्हा द्वारा लिखी गई पुस्तक समृद्ध व स्वच्छ समाज के निर्माण में काफी सहायक साबित होगी।
उन्होंने लेखक का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि “हौसलों को बुलंद करते रहिए, ज़िंदगी मंजिल नहीं है, चलते रहिए”।
पुस्तक विमोचन समारोह में स्वागत भाषण और विषय प्रवेश रांची विश्वविद्यालय के पूर्व डीएसडब्ल्यू डॉ.प्रकाश वर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन अमरेंद्र विष्णुपुरी ने किया। इस अवसर पर सुनील कुमार सहाय सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
*लेखक परिचय::
“पर्सपेक्टिव इन फिक्शनल क्रिटिसिज्म विथ स्पेशल रेफरेंस टू ईएम फोर्सटर एंड एडमिन मुइर” के लेखक प्रो.धीरेन्द्र कुमार सिन्हा ने पटना विश्वविद्यालय से वर्ष 1969 में अंग्रेजी में स्नातकोत्तर किया। तत्पश्चात उन्हें यूजीसी का फैलोशिप प्राप्त हुआ। उन्होंने तिलका मांझी, भागलपुर विश्वविद्यालय से वर्ष 1988 में पीएचडी की डिग्री हासिल की। इसके बाद लगभग 25 वर्षों तक एचडी जैन कॉलेज, आरा (बिहार) में अंग्रेजी भाषा व साहित्य का शिक्षण कार्य किया। वर्ष 2000 से 2008 तक वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा (बिहार) के अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष रहे। उन्होंने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित विभिन्न सेमिनार/संगोष्ठियों में भाग लिया। प्रो.सिन्हा द्वारा कई शोध पत्र प्रकाशित किए गए हैं, जो विभिन्न रिसर्च जर्नल्स में प्रकाशित हुए हैं।